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डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ कर्नाटक सरकार ने ही नहीं, बल्कि केंद्र ने भी की है: रेड्डी

बेंगलुरु, 15 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने मंगलवार को ट्रक चालकों की हड़ताल को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश पर सवाल उठाया और पूछा कि केंद्र द्वारा ईंधन की कीमतों में बार-बार की गई बढ़ोतरी और टोल संग्रह के बावजूद इस तरह के विरोध प्रदर्शन क्यों नहीं हुए। श्री रेड्डी ने कहा कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ राज्य सरकार ने ही नहीं, बल्कि केन्द्र सरकार ने भी की है।
ट्रक चालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण कर्नाटक भर में परिवहन सेवाएं बाधित होने पर श्री रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, “यह अनुचित है कि केवल राज्य सरकार को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार ने कई बार ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की है।”
राज्य की स्थिति को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि हालिया संशोधन में केवल डीजल में दो रुपये की बढ़ोतरी शामिल है, पेट्रोल में नहीं। श्री रेड्डी ने कहा, “पांच से छह महीने पहले भी हमने इसी तरह का संशोधन किया था। हम समझते हैं कि इससे परिवहन क्षेत्र पर बोझ पड़ सकता है, लेकिन केंद्र को भी जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए। 1964 से 2015 तक ईंधन की कीमतें 49 रुपये से बढ़कर 92 रुपये हो गईं - यह वृद्धि केवल राज्य द्वारा नहीं की गई थी।”
टोल प्लाजा के मुद्दे पर मंत्री ने केवल राज्य द्वारा संचालित टोल को समाप्त करने की मांग करने के लिए ट्रक चालकों की आलोचना की। उन्होंने पूछा, “वे केंद्र सरकार द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर सवाल क्यों नहीं उठा रहे हैं?”
ट्रक चालकों ने राज्य के भीतर टोल संग्रह को समाप्त करने की मांग की है। छह लाख से अधिक सदस्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले फेडरेशन ऑफ कर्नाटक स्टेट लॉरी ओनर्स एंड एजेंट्स एसोसिएशन (एफओकेएसएलओएए) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के प्राथमिक कारणों में से एक के रूप में टोल से संबंधित शिकायतों का हवाला दिया। उनका आरोप है कि राज्य के टोल प्लाजा पर लगातार जबरन वसूली और उत्पीड़न किया जाता है, जिससे उन्हें अनावश्यक तनाव और वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ता है।
श्री रेड्डी ने ट्रक चालक समुदाय द्वारा उठाई गई अन्य मांगों का भी जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुराने वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि अभी भी मसौदा चरण में है और यह केंद्र सरकार का प्रस्ताव है, न कि कर्नाटक सरकार का फैसला।
सैनी, उप्रेती
वार्ता
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