Tuesday, May 20 2025 | Time 06:50 Hrs(IST)
राज्य » अन्य राज्य


अन्नाद्रमुक ने दूसरे दिन भी तमिलनाडु विधानसभा से किया बहिर्गमन

चेन्नई, 16 अप्रैल (वार्ता) तमिलनाडु विधानसभा में मुख्य विपक्ष दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने तीन मंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने पर लगातार दूसरे दिन सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा अध्यक्ष एम. अप्पावुरे ने आज तीन मंत्रियों के खिलाफ उनके द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे को उठाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया।
प्रश्नकाल के तुरंत बाद, विपक्ष के नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी के नेतृत्व में अन्नाद्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए अनुमति देने से इन्कार कर दिया कि दो मंत्रियों को अपने विभागों के लिए अनुदान की मांग पर बहस में बोलना है।
अध्यक्ष ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव उनके विचाराधीन है। सदन के नेता और जल संसाधन मंत्री दुरईमुरुगन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सदन के नियम 72 के तहत नोटिस देने में कुछ भी गलत नहीं है और यह तय करना अध्यक्ष का विशेषाधिकार है कि इस पर चर्चा कब की जानी चाहिए, लेकिन अन्नाद्रमुक सदस्यों ने बोलने की अनुमति न मिलने पर विरोध जताया।
इसके बाद विधानसभा में अन्नाद्रमुक सदस्यों ने नारेबाजी कर सदन से बहिर्गमन किया। बाद में विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री पलानीस्वामी ने बताया कि उन्होंने नियम 72 के तहत तीन मंत्रियों—केएन नेहरू, के. पोनमुडी और वी. सेंथिलबालाजी—के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगी थी। इन मंत्रियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापों, महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान और टीएएसएमएसी में एक हजार करोड़ रुपये की अनियमितताओं के आरोप हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस देने के बावजूद उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
श्री पलानीस्वामी ने कहा कि पहले भी सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे और उन पर चर्चा की गई थी तथा बोलने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा, “लेकिन अध्यक्ष हमें तीन मंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति देने से इन्कार कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि यह सरकार इसे कोई बड़ा मुद्दा नहीं मान रही है।”
इसकी निंदा करते हुए अन्नाद्रमुक सदस्यों ने विधानसभा से बहिर्गमन किया। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की ओर से राज्य की स्वायत्तता और संघवाद की रक्षा के लिए तीन सदस्यीय समिति की घोषणा पर श्री पलानीस्वामी ने कहा कि द्रमुक इस संबंध में तब कदम उठा सकती थी जब वह दस साल तक केंद्र में सरकार का हिस्सा थी।
श्रद्धा, उप्रेती
वार्ता
More News
इसरो ने पीएसएलवी मिशन विफलता का विश्लेषण करने के लिए समिति बनाई

इसरो ने पीएसएलवी मिशन विफलता का विश्लेषण करने के लिए समिति बनाई

19 May 2025 | 11:14 PM

चेन्नई 19 मई (वार्ता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार के पीएसएलवी-सी61/ईओएस-09 मिशन की विफलता का विश्लेषण करने और उपाय सुझाने के लिए एक समिति बनाई है।

see more..
आतंकवाद विरोधी वैश्विक अभियान में शामिल हो सकते हैं युसूफ: सिरोया

आतंकवाद विरोधी वैश्विक अभियान में शामिल हो सकते हैं युसूफ: सिरोया

19 May 2025 | 11:00 PM

बेंगलुरु 19 मई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद लेहर सिंह सिरोया ने सोमवार को कहा कि उनका मानना ​​है कि पूर्व क्रिकेटर एवं तृणमूल कांग्रेस सांसद युसूफ पठान अभी भी आतंकवाद विरोधी वैश्विक अभियान में शामिल हो सकते हैं।

see more..
सरकार सर्वोच्च न्यायालय के डीए आदेश का कानूनी तरीके से जवाब देगी-ममता

सरकार सर्वोच्च न्यायालय के डीए आदेश का कानूनी तरीके से जवाब देगी-ममता

19 May 2025 | 10:57 PM

कोलकाता 19 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रदेश सरकार को तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को 25 प्रतिशत महंगाई भत्ता (डीए) देने का आदेश दिए जाने के तीन दिन बाद सोमवार को कहा कि वह अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी, लेकिन कानूनी तरीके से इसका जवाब देंगी।

see more..