राज्य » अन्य राज्यPosted at: Apr 17 2025 10:18PM हाईकोर्ट ने की वक्फ अधिनियम के विरोध की अनुमति के लिए सरकार की आलोचनाबेंगलुरु 17 अप्रैल (वार्ता) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के लिए राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने कहा कि प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार को इस तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। अदालत ने कहा,“राज्य को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वक्फ अधिनियम में संशोधन के मामले में शीर्ष न्यायालय द्वारा मामला विचाराधीन है और इस तरह के विरोध की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।” अदालत ने राज्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ऐसे आयोजनों के दौरान सार्वजनिक सड़कें बाधित न हों और कोई भी विरोध प्रदर्शन केवल निर्दिष्ट क्षेत्रों में और पूर्व अनुमति के साथ ही किया जाए। आदेश में कहा गया है,“यह विरोध प्रदर्शन वक्फ अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर किया जा रहा है और इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने विचार किया है। इसके मद्देनजर यदि राज्य ने कानून के अनुसार अनुमति दी है तो ही ऐसा विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है लेकिन किसी भी समय सड़कों को अवरुद्ध करके विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है और विरोध प्रदर्शन वहीं किया जाना चाहिए जहां अनुमति दी गई है। यदि अनुमति नहीं है तो कोई विरोध प्रदर्शन नहीं है।” न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने मंगलुरु निवासी राजेश ए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने शहर के पुलिस आयुक्त द्वारा जारी किए गए निर्देश को चुनौती दी थी जिसमें निजी बसों और कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसों को शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 73 के एक हिस्से पर परिचालन नहीं करने का निर्देश दिया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ क्षेत्र में प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के कारण यह सलाह जारी की गई थी। राज्य सरकार ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि प्रारंभिक संचार को संशोधित किया गया था और यातायात की आवाजाही काफी हद तक अप्रभावित रहेगी। हालांकि अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर भारी और मध्यम मालवाहक वाहनों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी थी। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी। जांगिड़.संजय वार्ता