राज्य » अन्य राज्यPosted at: Apr 19 2025 7:58PM कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ऊंचा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता-स्टालिनचेन्नई 18 अप्रैल (वार्ता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एम के स्टालिन ने प्रदेश विधानसभा में पारित विधेयकों को राज्यपाल द्वारा मंजूरी देने में देरी को लेकर दायर याचिका पर राष्ट्रपति द्वारा निर्णय लेने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा समय सीमा तय किए जाने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की टिप्पणी का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कहा ''कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी ऊंचा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता।'' श्री स्टालिन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले ने कई लोकतंत्र विरोधी ताकतों को झकझोर दिया है क्योंकि यह प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस रीसेट को इसकी सही भावना के साथ लागू किया जाए। उन्होंने कहा, ''हमारे संविधान को अपनाए हुए 75 साल से ज़्यादा हो गए हैं। मौजूदा समस्या राज्यपालों, उपराष्ट्रपति और यहां तक कि राष्ट्रपति सहित संवैधानिक पदों के राजनीतिकरण से उपजी है जिसका उद्देश्य विपक्षी सरकारों को कमज़ोर करना और सार्वजनिक चर्चा में दक्षिणपंथी बयानबाज़ी को शामिल करना है।'' उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र में सरकारें निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चलाई जाती हैं, औपचारिक नियुक्तियों द्वारा नहीं।'' उन्होंने कहा, ''कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं हो सकता।'' श्री स्टालिन ने कहा, ''हमारे माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही बात कही है और उसका ऐतिहासिक फ़ैसला प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की दिशा में एक कदम है।'' उन्होंने कहा, ''इसलिए यह समझा जा सकता है कि इस स्वागत योग्य सुधार ने कई लोकतंत्र विरोधी ताकतों को परेशान कर दिया है।'' उन्होंने कहा, ''समय की मांग है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस बदलाव को इसकी सही भावना के साथ लागू किया जाए।''जांगिड़वार्ता