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गब्र्याल पर गड़बड़ी के आरोप, हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस

नैनीताल, 25 अप्रैल (वार्ता) उत्तराखंड अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव और नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी धीराज गब्र्याल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नैनीताल के तत्कालीन जिलाधिकारी के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने श्री गब्र्याल को बतौर सचिव नोटिस जारी किया है।
इस मामले को गाजियाबाद निवासी संजय गुप्ता की ओर से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से पूरे प्रकरण की जांच की मांग करते हुए कहा गया कि नैनीताल के डीएम पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल में अनेक गडबड़ियां हुई हैं। उन्होंने अपने परिचितों का अनुचित लाभ पहुंचाया है।
आरोप है कि वर्ष 2023 में कैग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है लेकिन प्रदेश सरकार इन आरोपों की जांच नहीं करवाने से कतरा रही है। जनहित याचिका में कहा गया है कि श्री गब्र्याल ने उत्तराखंड खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) के धन का दुरूपयोग किया है।
आरोप है कि डीएमएफ के धन का लाभ खनन प्रभावित क्षेत्रों को मिलना चाहिए लेकिन श्री गब्र्याल ने अपने कार्यकाल में इस धन का गलत उपयोग नैनीताल शहर के सौंदर्यीकरण के लिये किया है।
यही नहीं इसी धन से उन्होंने नैनीताल के पसौली गांव में सड़क का निर्माण किया है जहां उनकी पत्नी सोनिया गब्र्याल और उनके परिचित प्रशांत सागर बिष्ट की ओर से भूमि खरीदी गयी है। पसौली गांव में सड़क निर्माण का ठेका भी उनके परिचित को दिया गया है।
नैनीताल शहर के सौंदर्यीकरण में भी उन पर भारी गड़बड़ी के आरोप हैं। आरोप है कि डीएमएफ मद से होने वाले सौंदर्यीकरण के कार्य के लिये 245.11 और 89.67 लाख का ठेका भी उन्होंने अपने परिचित को दिया है।
यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिये अपने कार्यकाल के दौरान पसौली गांव का सर्किल रेट संशोधित किया है। साथ ही अपने परिचितों को शस्त्र लाइसेंस का लाभ देने के लिये शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन किया गया है।
उन पर गलत तरीके से अनुसूचित जाति समुदाय की भूमि की बिक्री की अनुमति देने का भी आरोप है।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता