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‘नैनीताल में यातायात समस्या के दीर्घकालिक हल के लिए मांगी रिपोर्ट’

नैनीताल, 13 मई (वार्ता) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) नयी दिल्ली और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की को नैनीताल में पार्किंग और यातायात की समस्या का दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए तीन महीने के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्द्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों, यातायात, पार्किंग और नैनीताल की सड़कों की वहन क्षमता से संबंधित प्रसिद्ध पर्यावरणविद् अजय सिंह रावत और अन्य की ओर से दायर एक दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए।
सीआरआरआई और सीबीआरआई के वैज्ञानिक वेलु मुरुगन और एस0 गणेश कुमार आज वर्चुअली रूप से सुनवाई में मौजूद रहे। अदालत ने उन्हें नैनीताल जिले की प्रमुख हल्द्वानी-नैनीताल, कालाढूंगी-नैनीताल, कैंची धाम -भवाली और भवाली- नैनीताल मार्गों की भार वहन क्षमता और भू-तकनीकी जांच के साथ ही नैनीताल में पार्किंग और यातायात समस्या के दीर्घकालिक समाधान खोजने के निर्देश दिए।
वैज्ञानिकों की ओर से सभी अध्ययनों और जांच के लिए छह महीने का समय मांगा गया लेकिन खंडपीठ ने तीन महीने के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट देने को कहा है। खंडपीठ ने दोनों वैज्ञानिकों को अपनी टीम के साथ जल्दी काम शुरू करने के निर्देश भी दिए।
सीआरआरआई,1952 में स्थापित एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है, जो सड़कों और रनवे के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव, महानगरों और नगरों की यातायात एवं परिवहन योजना के साथ ही विभिन्न इलाकों में सड़कों के प्रबंधन पर अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को पूरा करने में लगा हुआ है।
इसी के साथ ही सीबीआरआई भवन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है और इसकी भवन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सृजन और संवर्द्धन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
रवीन्द्र.संजय
वार्ता