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कोलकाता बंदरगाह ने हुगली नदी पर पर्यटन के लिए तीन पुराने जहाजों की पेशकश की

कोलकाता 14 मई (वार्ता) पश्चिम बंगाल में कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह ने पर्यटन, संस्कृति और मनोरंजन के लिए गतिशील तैरते पर्यटन स्थलों के रूप में अपने तीन पायलट जहाजों की पेशकश करने का फैसला किया है।
एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बंदरगाह अपने तीन ऐतिहासिक पायलट लॉन्च- पी.एल. रूपसा, पी.एल. हुगली और पी.एल. गोपाल को फिर से इस्तेमाल करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित कर रहा है। ये नावें 1990 के दशक के उत्तरार्ध की हैं और मूल रूप से हुगली नदी पर जहाजों को नेविगेट करने में मदद करने के लिए इस्तेमाल की जाती थीं तथा अब वे सांस्कृतिक पर्यटन स्थल बनने का एक रोमांचक अवसर प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य हुगली नदी के किनारे विरासत पर्यटन के रूप में नावों का उपयोग करना है। पी.एस. भोपाल जैसी सफल पहल से प्रेरित होकर, एक पैडल स्टीमर, जिसका नाम बदलकर 'बंगाल पैडल' कर दिया गया है और जिसे कार्यक्रमों और विरासत पर्यटन के लिए संचालित किया जाता है। बंदरगाह अधिकारी अब नावों को फ्लोटिंग कैफे, हेरिटेज क्रूज़, मोबाइल संग्रहालयों, विवाह स्थलों और प्रदर्शन स्थलों के रूप में पुनः उपयोग करना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि यह पहल एसएमपी, कोलकाता के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शहर की समृद्ध समुद्री विरासत को श्रद्धांजलि देते हुए पर्यटन, संस्कृति और वाणिज्य को सहजता से मिलाकर कोलकाता के ऐतिहासिक रिवरफ्रंट को पुनर्जीवित करना है। बंदरगाह अब नयी पहल के लिए हितधारकों के विविध समूह से भागीदारी की मांग कर रहा है। इन विरासत जहाजों के परिवर्तन की सुविधा के लिए, कोलकाता बंदरगाह ने आवश्यक मरम्मत और रेट्रोफिटिंग के लिए कोलकाता डॉक सिस्टम (केडीएस) में मुफ्त बर्थिंग की पेशकश की है।
अशोक
वार्ता