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रामदास द्वारा बुलाई गई बैठक का जिला सचिवों ने किया बहिष्कार

चेन्नई 16 मई (वार्ता) तमिलनाडु में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक डा़ एस रामदास द्वारा बुलाई गयी महत्वपूर्ण बैठक का पार्टी के अधिकांश जिला सचिवों और नेताओं ने शुक्रवार को बहिष्कार किया।
यह बैठक डॉ. रामदास के तिंडीवनम के निकट थाइलापुरम एस्टेट में आयोजित की गई थी जिसका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले प्रमुख संगठनात्मक मामलों और नेतृत्व नियुक्तियों पर चर्चा करना था।
बैठक के लिए लगभग 100 जिला सचिवों को निमंत्रण दिए जाने के बावजूद कृष्णगिरि, कोयंबटूर और तिरुपुर सहित कुछ जिलों के नेता ही बैठक में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि बैठक में राज्यसभा सदस्य डॉ. अंबुमणि रामदास और कई प्रमुख जिला नेता अनुपस्थित रहे।
डा़ रामदास ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संवाददाताओं से कहा कि सभी जिला सचिवों और पदाधिकारियों को निमंत्रण भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबुमणि को भी बैठक के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा,“उम्मीद है कि वे आ रहे होंगे।”
उन्होंने अधिकांश जिला सचिवों के बैठक में शामिल न होने पर कहा कि शायद वे दो दिन पहले महाबलीपुरम के पास तिरुविदंतई में पार्टी के वार्षिक चित्र पूर्णिमा सम्मेलन के बाद बहुत थक गए होंगे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पार्टी संस्थापक ने अपने बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. अंबुमणि को पार्टी अध्यक्ष पद से हटा दिया और उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया ताकि वे चुनाव संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
डॉ. रामदास ने इससे पहले अपने पोते परशुरामन मुकुंदन को राज्य युवा विंग का नया नेता नियुक्त करने की घोषणा की, जिसका श्री अंबुमणि ने विरोध किया और पिता-पुत्र के बीच सार्वजनिक रूप से विवाद हुआ।
डा़ रामदास ने अपने संबोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि जो पार्टी पदाधिकारी लगन और ईमानदारी से काम करने में विफल रहते हैं उन्हें उनके पद से हटा दिया जाएगा, चाहे उनका पद कुछ भी हो। उन्होंने पार्टी पर अपने अधिकार का भी दावा किया और कहा कि जब तक वे नेतृत्व में रहेंगे तब तक निर्णय केवल उनके द्वारा लिए जाएँगे।
जांगिड़.संजय
वार्ता