राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 18 2025 7:58PM डीजीएफटी के प्रतिबंध के बाद त्रिपुरा में बंगलादेश से वस्तुओं के आयात बंदअगरतला, 18 मई (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा एक दिन पहले आयात पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद त्रिपुरा में भूमि सीमा शुल्क प्राधिकरण ने रविवार से सभी पांच भूमि सीमा शुल्क केंद्रों (एलसीएस) पर बंगलादेश से सभी तरह के आयात रोक दिए हैं। गौरतलब है कि डीजीएफटी ने त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, असम और पश्चिम बंगाल के माध्यम से बंगलादेश से तैयार कपड़ों, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (चिप्स, स्नैक्स और बिस्कुट), रबर उत्पादों, प्लास्टिक के सामान और लकड़ी के फर्नीचर सहित छह वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। डीजीएफटी की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट रूप से भारत-बंगलादेश सीमा पर किसी भी भूमि बंदरगाह के माध्यम से बंगलादेश से सभी प्रकार के तैयार कपड़ों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, इन वस्तुओं का आयात अब न्हावा शेवा (मुंबई) और कोलकाता के बंदरगाहों तक ही सीमित रहेगा। भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा, “यह कदम मुख्य रूप से त्रिपुरा, असम, मेघालय, मिजोरम के प्रमुख एलसीएस के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के दो एलसीएस चंगराबांधा और फुलबारी को लक्षित करता है। फल और फलों के स्वाद वाले पेय, कार्बोनेटेड पेय, प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद, कपास और सूती धागे के अपशिष्ट, और कुछ प्लास्टिक और पीवीसी तैयार माल (औद्योगिक रंगद्रव्य, रंग, प्लास्टिसाइज़र और कणिकाओं को छोड़कर) के आयात को भी भारत में भूमि मार्गों के माध्यम से प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।”प्रतिबंधों में मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और कुचल पत्थर जैसी आवश्यक वस्तुओं को शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा, अधिकारियों ने कहा कि बंगलादेश से आने वाले लेकिन नेपाल और भूटान के रास्ते भारत से गुजरने वाले सामान इन प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगे। यह कदम भारत द्वारा 09 अप्रैल, 2025 को बंगलादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस लेने के बाद उठाया गया है। जून 2020 में शुरू की गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा ने बंगलादेश को नेपाल और भूटान को छोड़कर पश्चिम एशिया , यूरोप और अन्य क्षेत्रों में माल निर्यात करने के लिए भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों-दिल्ली हवाई अड्डे सहित-का उपयोग करने की अनुमति दी थी, जिससे बांग्लादेश के व्यापार को काफी बढ़ावा मिला। बंदरगाह प्रतिबंध लगाने और ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस लेने को भारत-बंगलादेश संबंधों में व्यापक पुनर्संयोजन के हिस्से के रूप में देखा जाता है, जो बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों और आर्थिक प्रतिस्पर्धा, विशेष रूप से कपड़ा क्षेत्र में सहित मुद्दों पर तनाव का सामना कर रहे हैं। इस बीच, ऑल त्रिपुरा मर्चेंट एसोसिएशन ने डीजीएफटी के फैसले का स्वागत किया और कहा कि आयात प्रतिबंध से भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके अध्यक्ष तुसार कांति चक्रवर्ती ने कहा, “यह बंगलादेश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा, क्योंकि सभी सूचीबद्ध उत्पाद हमारे देश में बेहतर गुणवत्ता में निर्मित किए जा रहे हैं। हमने भौगोलिक निकटता के कारण उन्हें बांग्लादेश से आयात किया ताकि समय कम हो सके।” उन्होंने कहा कि हसीना सरकार के जाने के बाद पिछले अगस्त से बंगलादेश के साथ आयात-निर्यात कारोबार प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी और व्यापार निकाय बंगलादेश के साथ संबंध बनाए रखने के लिए बेताब थे, लेकिन चीन में इसके मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के हालिया बयान के बाद, उनके साथ गठबंधन करने का कोई मतलब नहीं था।संतोष अशोकवार्ता