राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 19 2025 8:02PM स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए परमाणु ऊर्जा महत्वपूर्ण-डॉ त्यागीभुवनेश्वर 19 मई (वार्ता) प्रसिद्व परमाणु वैज्ञानिक डॉ ए के त्यागी ने कहा है कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में परमाणु ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है, खासकर जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों के मद्देनजर जो जीवन के हर पहलू को प्रभावित कर रही हैं। ट्रॉम्बे स्थित होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ त्यागी ने कहा कि दुनिया इस समय पर्यावरण संकट का सामना कर रही है, जिसका मुख्य कारण पिछले 200 वर्षों में मानवता द्वारा पर्यावरण को प्रबंधित करने का तरीका है। उन्होंने बताया कि वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता पहले ही 320 भाग प्रति मिलियन (पीपीएम) से बढ़कर 430 पीपीएम हो गई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ''जब यह 450 पीपीएम तक पहुंच जाएगी, तो स्थिति भयावह हो जाएगी।'' उन्होंने ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को कम करने के लिए सभी संभव उपाय अपनाने का आग्रह किया, जो ग्लोबल वार्मिंग का मुख्य कारण है। डा़ॅ त्यागी ने संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा इनमें से कम से कम आठ लक्ष्यों को प्राप्त करने में सीधे योगदान दे सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दीर्घकालिक मानवीय गतिविधियों ने पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन को बाधित किया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों में से परमाणु ऊर्जा उत्पादन कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधन की तुलना में सबसे कम प्रदूषण का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि भारत में यूरेनियम के सीमित भंडार हैं, लेकिन इसमें थोरियम के विशाल भंडार हैं जिनका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। डॉ. त्यागी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के सतत विकास को सुनिश्चित करने और देश की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु विज्ञान का हर संभव तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने ''सतत विकास: परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका" विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए इस बात पर जोर दिया कि परमाणु ऊर्जा एक विश्वसनीय और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है, जो भारत की बढ़ती ऊर्जा मांगों और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता को देखते हुए विशेष रूप से प्रासंगिक है। डॉ. त्यागी बीएआरसी में रसायन विज्ञान समूह और जैव विज्ञान समूह के पूर्व निदेशक भी हैं, ने दक्षता और सुरक्षा दोनों में सुधार के लिए थोरियम-आधारित और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों सहित उन्नत रिएक्टर प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि, चिकित्सा और सामग्री विज्ञान जैसे क्षेत्रों में परमाणु विज्ञान के विविध अनुप्रयोगों पर भी प्रकाश डाला। इसमें डायग्नोस्टिक इमेजिंग और कैंसर के उपचार के लिए रेडियोआइसोटोप का उपयोग, साथ ही खाद्य संरक्षण के लिए विकिरण प्रसंस्करण तकनीक शामिल हैं। भारत के परमाणु कार्यक्रम के विकास में एक प्रमुख व्यक्ति डॉ. त्यागी ने सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने और परमाणु ऊर्जा के माध्यम से कम कार्बन अर्थव्यवस्था में संक्रमण को सुविधाजनक बनाने में परमाणु प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए समापन किया।जांगिड़ अशोकवार्ता