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सिद्दारमैया ने दिये अतिक्रमण करने वाले टेक पार्कों, बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

बेंगलुरु, 21 मई (वार्ता) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बुधवार को बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के अधिकारियों को इस सप्ताह की शुरुआत में बेंगलुरु में भारी बारिश और बाढ़ के बाद प्रमुख टेक पार्कों और निजी बिल्डरों द्वारा वर्षा जल नालियों पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
शहर में वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने वाले श्री सिद्दारमैया ने रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा प्राकृतिक वर्षा जल चैनलों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण पर नाराजगी व्यक्त की, चाहे उनका प्रभाव या कद कुछ भी हो। उन्होंने मान्याता टेक पार्क, एबिसु टेक पार्क, मैनफो कन्वेंशन सेंटर और कार्ले का उदाहरण दिया, जहां अवैध निर्माण कथित तौर पर वर्षा जल के मुक्त प्रवाह में बाधा डाल रहे थे।
उन्होंने कहा, "अतिक्रमण शहर की जल निकासी व्यवस्था को अवरुद्ध कर रहे हैं और बाढ़ की स्थिति को खराब कर रहे हैं। बिल्डर, चाहे कितने भी बड़े हों, उन्हें कार्रवाई का सामना करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि मान्याता टेक पार्क ने सुधार के तौर पर अपनी सड़क के किनारे एक नया नाला बनाने की पेशकश की है।
बीबीएमपी अधिकारियों ने 07 मई को जारी किए गए नोटिस की प्रतियां मान्याता प्रमोटर्स, दूतावास कार्यालय पार्क और एबिसु टेक पार्क को सौंपीं, जिसमें उन्हें सभी चिह्नित अतिक्रमणों को हटाने का निर्देश दिया गया। सरकार ने कहा कि अब प्रवर्तन उपायों को बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि बेंगलुरू में 19 मई को 132 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो पिछले एक दशक में इस महीने में दूसरी सबसे अधिक बारिश थी। इससे प्रमुख सड़कें, आवासीय लेआउट और तकनीकी परिसर घुटने तक पानी में डूब गए, जिससे कई क्षेत्रों में आपातकालीन प्रतिक्रियाएं हुईं।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कहा कि अधिकांश जलमग्न क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में आते हैं। उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि भाजपा विधायक क्या करने में विफल रहे हैं। कांग्रेस विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में बाढ़ के अधिकांश मुद्दों को संबोधित किया है।”
बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त एम महेश्वर राव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली 183 झीलों में से 63 अब पूरी तरह भर चुकी हैं, जबकि 40 अन्य क्षमता के करीब पहुंच चुकी हैं। महादेवपुरा, येलहंका, राजराजेश्वरी नगर और बोम्मनहल्ली क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए।
संतोष
वार्ता