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मणिपुर में पत्रकारों के साथ बदसलूकी के विरोध में अखबारों का प्रकाशन ठप

इंफाल, 22 मई (वार्ता) मणिपुर में 20 मई को इंफाल ईस्ट जिले के ग्वालाताबी चेकपोस्ट पर शिरुई महोत्सव के कवरेज के लिए जा रही मीडिया टीम को चार महार रेजीमेंट द्वारा रोके जाने के विरोध में राज्य के किसी भी समाचार पत्र ने गुरुवार का संस्करण प्रकाशित नहीं किया।
इस घटना के खिलाफ बुधवार को पूरे राज्य के पत्रकारों ने कलम बंद हड़ताल शुरू की। ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर द्वारा प्रेस क्लब में संयुक्त रूप से एक आम बैठक का आयोजन किया गया।
पत्रकारों की एक टीम ने इस मामले पर राज्यपाल से चर्चा की, जिसके बाद एक और बैठक प्रेस क्लब में आयोजित की गई। दोनों मीडिया संगठनों ने घोषणा की कि सभी पत्रकार गुरुवार से अपना कार्य फिर से शुरू करें, लेकिन जब तक सरकार इस घटना पर रिपोर्ट पेश नहीं करती, तब तक मणिपुर राज्य सरकार और राज्य व केंद्रीय सुरक्षाबलों से जुड़ी कोई खबर प्रकाशित नहीं की जाएगी।
इस बीच, मणिपुर के मुख्य सचिव ने एक बयान में कहा कि राज्यपाल ने एक जांच समिति का गठन किया है जो 20 मई 2025 को मणिपुर शिरुई महोत्सव को कवर करने जा रही मणिपुर राज्य परिवहन की बस और सुरक्षा बलों के बीच हुई घटना की सभी परिस्थितियों और तथ्यों की जांच करेगी। यह घटना इंफाल ईस्ट जिले के ग्वालाताबी चेकपोस्ट के पास हुई थी।
जांच समिति में एन. अशोक कुमार (आयुक्त, गृह विभाग) और थौ. कीरनकुमार सिंह (सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी) को शामिल किया गया है। समिति संभावित चूक की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुझाव देगी। यह समिति अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत करेगी।
मीडिया संगठनों ने जांच आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मांग की कि समिति यह भी सुनिश्चित करे कि जिन लोगों की लापरवाही और गलत फैसलों के कारण पत्रकारों को अपमान और असुविधा का सामना करना पड़ा, उनकी पहचान की जाये और उनके खिलाफ उचित दंड की सिफारिश की जाये। इसके साथ ही ग्वालाताबी में तैनात सुरक्षाकर्मियों को जांच पूरी होने तक वहां से हटा दिया जाये जाने की भी मांग की गयी।
समीक्षा अशोक
वार्ता