राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 19 2025 10:07PM भट्ट ने की बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांगनैनीताल, 19 जून (वार्ता) पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर बिंदुखत्ता और पूर्वी तराई के प्रभावित पशुपालक परिवारों को भूमि का मालिकाना हक एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान किये जाने मांग की है।श्री भट्ट ने कहा कि नैनीताल जिले के अन्तर्गत तराई पूर्वी क्षेत्र के विभिन्न खत्तों - बिंदुखत्ता, रैखाल खत्ता, तुनीखाल (होराई) खत्ता, डौली खत्ता, खमारी खत्ता, बौद खत्ता, हंसपुर खत्ता, जौलासाल खत्ता एवं कड़ापानी खत्ता में कई दशकों से रह रहे पशुपालक परिवारों को अभी तक वनाधिकार अधिनियम 2006 (संशोधित 2012) के अन्तर्गत भूमि का मालिकाना हक प्राप्त नहीं हुआ है।उन्होंने कहा,“सैकड़ों वर्षों से वन भूमि पर बसे ग्रामवासी सरकारी योजनाओं एवं अन्य बुनयादी सुविधाओं से वंचित हैं लम्बे समय से राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग कर रहे है। आपके संज्ञान में यह भी लाना चाहता हूं कि इन खत्तों के सभी नागरिक लोकसभा एवं विधानसभा में मतदान करते हैं परन्तु ग्रामसभा, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायतों में इन्हें चुनाव का अधिकार नहीं है, जो वन कानूनों के कारण नागरिकों के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। यही नहीं इन्हें जिला योजनाओं, केन्द्रीय योजनाओं, राज्य योजनाओं, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, बैंक, पोस्ट ऑफिस, स्वास्थ्य, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पेंशन (वृद्धावस्था) एवं आयुष्मान कॉर्ड, जल जीवन मिशन जैसी मूलभूत सुविधाओं के लाभ भी नहीं मिल पाता है।”श्री भट्ट ने पत्र में लिखा है कि 50 हजार की आबादी वाले इन क्षेत्रों में स्वयं जाकर देखा कि प्राथमिक विद्यालय घास फूस की झोपड़ी में चल रहे हैं और इसके बाद की पढ़ाई जंगलों से बाहर नहीं जा पाने के कारण समाप्त हो जाती है। श्री भट्ट ने आग्रह किया है कि जनता के हित में आड़े आ रहे वन कानूनों की आज के परिप्रेक्ष्य में पुनः समीक्षा की जानी आवश्यक प्रतीत होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि एक कमेटी बनाकर इस समस्या का जल्द समाधान निकाला जाए।रवीन्द्र.संजय वार्ता