राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Oct 9 2024 8:06PM 250 याचिकाओं चुनावों में रोक, आप के माथे पर कलंकचंडीगढ़, 09 अक्टूबर (वार्ता) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को 250 याचिकाओं वाले सभी गांवों में चुनावों में उच्च न्यायालय द्वारा लगाई रोक को भगवंत मान सरकार के लिये एक झटका बताया और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या के सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का स्पष्ट प्रमाण है।शिअद के वरिष्ठ नेता डाॅ दलजीत सिंह चीमा ने यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय के समक्ष दलील दी थी कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के सरकारी पदाधिकारियों के दबाव में उनके नामांकन पत्र अवैध रूप से रदद कर दिये गये। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने पीड़ित याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कई और याचिकायें आने की संभावना है, जो यह साबित करेगी कि कैसे आप सरकार ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कैसे कोशिश की है।श्री चीमा ने कहा कि चुनाव चिह्न आवंटित होने के बाद विपक्षी पार्टी के उम्मीदवारों के नामांकन पत्र रद्द किये जाने से आप सरकार की छवि खराब हुई है। उन्होंने कहा,‘‘ यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में राज्य चुनाव आयोग की विफलता को भी दर्शाता है। राज्य चुनाव आयोग अपने द्वारा अधिसूचित चुनाव कार्यक्रम का पालन करने में विफल रहा और निर्वाचन अधिकारी संशोधित सूचियां जारी करके पिछली तारीखों पर नामांकन रद्द करना जारी रखा। ऐसे गलत तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय आयोग मूकदर्शक बना रहा ।’’उन्होंने कहा कि अपनी ओर से एसईसी राज कमल चौधरी के साथ रोजाना बैठक की और गलत कामों के दस्तावेजी सबूत भी दिये, लेकिन दुर्भाग्य से चुनाव आयोग अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहा । उन्होंने कहा, ‘‘दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, चुनाव आयोग ने सब कुछ छिपाने की कोशिश की। उनकी प्रवृति हर काम में देरी करने की रही है। आयोग के कामकाज में पारदर्शिता का पूरा अभाव है। वे हमारे किसी भी लिखित ज्ञापन का संतोषजनक उत्तर देने में नाकाम रहे । अगर राज कमल चौधरी ने समय पर कार्रवाई की होती तो स्थिति इतने खतरनाक स्तर तक नही पहुंचती। ’’विजय.श्रवण वार्ता