राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Mar 11 2025 8:15PM अर्जुन चौटाला ने सदन में विषाक्त भू-जल के मुद्दे को उठायासिरसा, 11 मार्च (वार्ता) हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के रानियां से विधायक अर्जुन चौटाला ने विषाक्त भूजल से संबंधित मसला उठाते हुए प्रश्न पूछा।इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने श्री चौटाला द्वारा पूछे गए सवाल को बेहद गंभीर मानते हुए इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सदन में जमा करवाने और साथ ही इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा कराने की बात भी कही है।श्री चौटाला के प्रश्न के जवाब में मंत्री ने एक वेबसाइट का लिंक दिया। लिंक तुरंत खोलने पर लिखा आया कि यह वेबसाइट ‘अंडर मेंटेनेंस’ है। श्री चौटाला ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि जो वेबसाइट चल ही नहीं रही है, मंत्री उसका लिंक देकर सदन को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूजल की जो रिपोर्ट लोकसभा और सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड ने दी है, उस रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाली और खतरनाक चीजें सामने आई हैं। जल शक्ति मिशन की रिपोर्ट के अनुसार 23 प्रतिशत पानी के सैंपल में फ्लोराइड की मात्रा डेढ़ मिलीग्राम से ज्यादा पाई गई है। पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से इंसान के शरीर में हड्डियों से संबंधित गंभीर बीमारियां फैलती हैं।श्री चौटाला ने कहा कि इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली और खतरनाक बात यह है कि सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड द्वारा जारी रिपोर्ट में पानी के अंदर 14.5 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे सैंपल हैं जिनके अंदर भारी मात्रा में यूरेनियम पाया गया है। यही कारण है कि हरियाणा के कई जिलों में कैंसर के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह बेहद गंभीर मामला है और सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए और एक ऐसी रूपरेखा तैयार करनी चाहिए जिससे घग्गर नदी समेत और सभी नदियों से यूरेनियम की मात्रा को खत्म किया जा सके।भूजल जांच की रिपोर्ट पर हरियाणा सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट और केंद्र की एजेंसियों की रिपोर्ट में भारी अंतर पाए जाने पर श्री चौटाला ने एक सप्लीमेंट्री प्रश्न भी पूछा कि जो पानी की टेस्टिंग हरियाणा सरकार और सेंट्रल एजेंसियों द्वारा की जाती हैं क्या उनकी रिपोर्ट मिलकर जारी की जाती हैं? अगर रिपोर्ट मिलकर जारी नहीं की जाती तो क्यों नहीं की जाती? मंत्री ने जो जवाब दिया उसपर इनेलो विधायक ने कहा कि उन्होंने सवाल कुछ पूछा है और मंत्री ने जवाब कुछ और ही दिया है।इसी पर दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि टेस्टिंग के लिए जो उपकरण इस्तेमाल होते हैं उनकी कैलिब्रेशन किस प्रकार की जाती है? कितनी बार की जाती है?सं.संजयवार्ता