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भाजपा के शांतिस्वरूप बने सिरसा के ‘शहरी नरेश’

सिरसा 12 मार्च (वार्ता) हरियाणा के सिरसा नगर परिषद के प्रधान व वार्ड सदस्य पद के चुनाव के लिए मतगणना बुधवार को चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के मल्टीपर्पज हॉल में शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई। नगर परिषद के प्रधान व सभी 32 वार्ड पद सदस्य के विजेताओं को रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम राजेंद्र कुमार ने प्रमाण पत्र वितरित किए।
रिटर्निंग अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रधान पद में 12 हजार 379 मतों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शांति स्वरूप ने जीत दर्ज की। स्वरुप को कुल 41 हजार 61 वोट प्राप्त हुए तथा उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार जसविंद्र कौर को 28 हजार 682 वोट प्राप्त हुए। इसके अलावा आजाद उम्मीदवार राजेंद्र कुमार को 12 हजार 705, इनेलो के उम्मीदवार ओम प्रकाश को तीन हजार 37, जेजेपी के उम्मीदवार प्रवीन कुमार को 1676, आप उम्मीदवार कविता रानी को 1462, आजाद उम्मीदवार अशोक कुमार को 801 तथा नोटा को 816 वोट प्राप्त हुए।
भाजपा के 20 वार्ड पार्षद जीते है जबकि कांग्रेस के नौ व निर्दलीय तीन प्रत्याशी विजयी हुए।
अब वाइस चेयरमैन का चयन जीते हुए वार्ड पार्षद करेंगें। इस पद को लेकर उधेड़बुन आज से ही शुरू हो गई है,हालांकि इसका चुनाव कब होगा यह तिथि तय नहीं कि गई है।
गौरतलब है कि सिरसा में पहली बार नगरपरिषद अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से हुआ है। अभी करीब पांच माह पहले ही विधानसभा चुनाव हुए थे। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार गोकुल सेतिया को 79 हजार 20 वोट मिले थे और उन्होंने हलोपा उम्मीदवार गोपाल कांडा को 7234 वोटों से पराजित किया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा ने अपना नामांकन वापस ले लिया था और हलोपा प्रत्याशी को इनेलो ने भी समर्थन दिया था। गोपाल कांडा को 71 हजार 786 वोट मिले थे।
अब नगरपरिषद का चुनाव भाजपा एवं हलोपा ने मिलकर लड़ा और सभी प्रत्याशी फूल के निशान पर चुनावी समर में उतरे। विशेष पहलू यह है कि भाजपा ने एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा। भाजपा की ओर से तो प्रचार के अंतिम दिन 28 फरवरी को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रोड शो भी किया।
दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से अकेले सिरसा के विधायक गोकुल सेतिया ही डटे रहे। कांग्रेस में गुटबाजी भी नजर आई और कई नेताओं ने चुनाव से दूरी बनाई। बावजूद इसके गोकुल सेतिया ने खूब मेहनत की।