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गुरु नानक देव विवि ने मालवा नहर के लिये 270 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण पर सरकार को सौंपी रिपोर्ट

अमृतसर, 12 मई (वार्ता) पंजाब के मालवा क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मालवा नहर परियोजना के लिये फिरोजपुर, फरीदकोट और श्री मुक्तसर साहिब जिलों में 270 एकड़ अतिरिक्त भूमि के अधिग्रहण के लिए सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट 2025 को अंतिम रूप देकर पंजाब सरकार के जल संसाधन विभाग को सौंप दिया गया है। उचित मुआवजा एवं पारदर्शिता के संबंध में भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की धारा 4.1 के अंतर्गत यह रिपोर्ट अनिवार्य थी।
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर के कुलपति प्रो. (डॉ.) करमजीत सिंह ने आज अपने कार्यालय में जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के समारोह का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि मालवा नहर परियोजना पंजाब की कृषि और पर्यावरण के लिये क्रांतिकारी साबित होगी। यह सिंचाई में सुधार, भूजल संरक्षण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी अकादमिक टीम ने प्रभावित लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यह अध्ययन पूरा किया है।
प्रो सिंह ने कहा कि एसआईए रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 25 मार्च से चार अप्रैल 2025 के बीच तीन जिलों की सात तहसीलों के गांवों में की गई जन सुनवाई और क्षेत्र सर्वेक्षणों से स्पष्ट रूप से पता चला है कि परियोजना ‘सार्वजनिक उद्देश्य’ की शर्त को पूरा करती है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 270 एकड़ भूमि न्यूनतम आवश्यकता है और नहर मार्ग बदलना तकनीकी और आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।
यह अध्ययन गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के एसआईए समन्वयक प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। टीम में छह विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनमें प्रो. (डॉ.) मनप्रीत सिंह भट्टी, डॉ. बिमलदीप सिंह, डॉ. स्वाति मेहता, डॉ. निर्मला देवी, डॉ. आदित्य परिहार और डॉ. शरणप्रीत कौर शामिल थीं। प्रो. राजेश ने विद्वानों, क्षेत्रीय अन्वेषकों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2024 में 552.42 एकड़ भूमि के लिए पूर्व में प्रस्तुत रिपोर्ट को मंजूरी दी थी, जो सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। मालवा नहर परियोजना पंजाब के मालवा क्षेत्र के सतत विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता