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मजीठा के अवैध शराब कांड, शराब माफिया से ‘आप’ के संबंधों की ईडी से जांच करवाई जाए: भाजपा

चंडीगड़ 19 मई (वार्ता) पंजाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार पर शराब माफिया को पनाह देने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच करवाने की मांग की है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोरंजन कालिया, जंगी लाल महाजन, सुभाष शर्मा, परमिंदर बराड़, जगमोहन सिंह राजू, अमरपाल सिंह बोनी अजनाला, राजिंदर मोहन सिंह छीना, राजबीर शर्मा, रंजम कामरा, विनीत जोशी और गेजा राम शामिल थे, ने सोमवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को ज्ञापन सौंप कर कहा कि अमृतसर जिले के मजीठा में हुई भयानक घटना और उसमें हुई जानमाल की हानि ने प्रत्येक पंजाबी की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। भाजपा पंजाब नेतृत्व ‘आप’ द्वारा निर्मित इस त्रासदी की मानवीय गंभीरता से स्तब्ध है और इस मामले में आपका व्यक्तिगत ध्यान आकर्षित करने का अनुरोध है ताकि ‘आप’ के शराब माफिया से संबंधों और पंजाब के आबकारी कर का अवैध लाभ उठाने के उद्देश्य से उसे संरक्षण देने की समयबद्ध जांच का आदेश दिया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि श्री मान के नेतृत्व वाली आप सरकार की शराब माफिया तत्वों को न केवल पनाह देने बल्कि उनके आपराधिक कृत्यों से लाभ कमाने की सुविदित मंशा के कारण 27 लोगों की जान चली गई। उतनी ही दुखद बात यह है कि मार्च 2024 में श्री मान के अपने जिले संगरूर में भी ऐसी ही घटना घटी थी। शराब माफिया के साथ मिलीभगत की आम आदमी पार्टी की करतूत अब जगजाहिर है, जिसमें आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उनके शीर्ष नेता अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति के तहत अवैध लाभ पहुंचाने के लिए शराब माफिया से रिश्वत लेने के आरोप में जेल की सजा काट चुके हैं।
उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि यह घटना तब घटी है, जब मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली आप सरकार हर राजनीतिक मंच से नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे के खिलाफ जीत का आक्रामक रूप से दावा कर रही है। निराशा के इस माहौल में, कल ही मुख्यमंत्री ने एक बार फिर घोर असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए घोषणा की कि पंजाब के 99 प्रतिशत गांव नशे की समस्या से मुक्त हैं, हो सकता है कि मौजूदा शराब त्रासदी ने मुख्यमंत्री को 100 प्रतिशत नशा मुक्त होने के अपने दावे से पीछे रहने पर मजबूर कर दिया हो।
ज्ञापन में कहा गया है कि इस त्रासदी में नकली शराब से मरने वाले लोग दिहाड़ी मजदूर थे और पीड़ितों ने मेथनॉल विषाक्तता के लक्षण बताए थे, जिसमें धुंधला दिखाई देना और अस्थायी अंधापन शामिल है। अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में यह घटना उस समय हुई, जब सीमा पर तनाव के कारण हमारी पुलिस को कड़ी निगरानी में रहना चाहिए था। यह पंजाब में इस समय की अक्षम और दिशाहीन सरकार के तहत पुलिस प्रशासन के बारे में बहुत कुछ कहता है, क्योंकि पुलिस बल का राजनीतिकरण दिल्ली में बैठे आप नेताओं की इच्छाओं को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। आप पार्टी के अनुचित उल्लंघनों और अक्षमता ने पंजाब को पहले ही बहुत नुकसान पहुंचाया है।
भाजपा ने राज्यपाल से इस मामले में समयबद्ध जांच का आदेश देने का आग्रह करते हुए कहा कि सीबीआई को अमृतसर
में अवैध शराब त्रासदी की जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। पंजाब में शराब माफिया के साथ आप के पंजाब नेतृत्व के संबंधों की जांच करनी चाहिए। इस गठजोड़ को उजागर करने के लिए ईडी को गहन जांच करने के लिए कहा जाना चाहिए।
ठाकुर.श्रवण