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पंजाब में आठ करोड़ रुपये की निवेश धोखाधड़ी में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

चंडीगढ़, 17 जून (वार्ता) पंजाब पुलिस के राज्य साइबर अपराध प्रभाग ने पंचकूला और अबोहर से दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी के साथ निवेश धोखाधड़ी में शामिल एक अंतर-राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने मंगलवार को कहा कि इस गिरोह द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली टेलीग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश में उच्च लाभ का लालच देकर निर्दोष व्यक्तियों को अपने जाल में फंसाना था। जालसाज पीड़ितों को एक नकली एपीके एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए मनाते थे, जिसमें उनके निवेश किए गए पैसे पर भारी रिटर्न का अनुमान लगाया जाता था। नकली एप्लिकेशन पर भारी लाभ देखने के बाद, पीड़ित जालसाजों के निर्देशानुसार विभिन्न बैंक खातों में पैसा निवेश करना जारी रखता था।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि गिरफ्तार किये गये लोगों की पहचान पंचकूला से गिरफ्तार वरुण कुमार और अबोहर से गिरफ्तार साहिल सेठी के रूप में हुई है। जांच में पता चला है कि वरुण कुमार ने कमीशन के आधार पर अपना बैंक खाता साहिल सेठी को किराए पर दिया था, जिसने आगे साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के लिए ऐसे खच्चर खाते खरीदे और उन्हें वर्चुअल मोबाइल नंबरों के माध्यम से किंगपिन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार नयी दिल्ली के एनसीआर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर पहुंचा दिया।
श्री यादव ने कहा कि सरगना इन बैंक खातों (म्यूल खातों) में स्थानांतरित की गयी धोखाधड़ी की राशि के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कमीशन दे रहे थे। उन्होंने कहा, “ प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी 14 राज्यों में फैली 34 अन्य साइबर धोखाधड़ी की शिकायतों में शामिल थे, जिनमें कुल घोटाले की राशि आठ करोड़ रुपये से अधिक थी।" उन्होंने कहा कि इन धोखाधड़ी गतिविधियों के पीछे वर्चुअल मोबाइल नंबरों और व्यापक नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी है। ”
ऑपरेशन विवरण साझा करते हुए, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) साइबर अपराध वी नीरजा ने कहा कि 15 लाख रुपये की ठगी के शिकार एक पीड़ित की शिकायत के बाद, इंस्पेक्टर जुझार सिंह की देखरेख में एक साइबर अपराध टीम ने गहन जांच की। उन्होंने कहा कि टीम ने कई तकनीकों और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र के समन्वय पोर्टल से तकनीकी सहायता का उपयोग करते हुए, आरोपी व्यक्तियों की पहचान स्थापित करने और बाद में उन्हें गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की।
एडीजीपी ने कहा कि वर्चुअल मोबाइल नंबरों और दिल्ली/एनसीआर क्षेत्र में फर्जी बैंक खातों की डिलीवरी के संबंध में आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि इन गिरफ्तारियों से 14 राज्यों में सक्रिय एक गहरी साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) और 61(2) और आईटी अधिनियम की धारा 66(सी) और 66(डी) के तहत पुलिस स्टेशन स्टेट साइबर क्राइम, पंजाब में मामला एफआईआर नंबर 04 दिनांक 08-05-2025 दर्ज किया गया है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता