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राजस्थान विधानसभा में बुजुर्गों के लिए असम की तर्ज पर निर्णय लेने का उठा मुद्दा

जयपुर 18 जुलाई (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रदेश में बुजुर्गों की समस्या के समाधान के लिए असम की तर्ज पर बुजुर्गों का भरण पोषण नहीं करने पर संबंधित व्यक्ति की आय से दस से 15 प्रतिशत की राशि काटकर बुजुर्ग के खाते में डालने का निर्णय करने की मांग उठी।
सदन में गुरुवार को अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मांग संख्या 31 “सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता” पर बोलते हुए विधायक डा सुभाष गर्ग ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की दस से 11 करोड़ की आबादी है और वर्ष 2050 तक यह संख्या 32 से 33 करोड़ हो जायेगी। समाज के विभिन्न वर्गो में बुजुर्गों का असम्मान एवं प्रताडि़त होते है और दर दर की ठोकरे खाने के लिए उन्हें छोड़ दिया जाता हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2007 में इनके लिए एक कानून भी लाई थी। राजस्थान सरकार भी असम सरकार की तरह निर्णय ले कि कोई सरकारी कर्मचारी या अन्य व्यक्ति बुजुर्ग का भरण पोषण नहीं करता है तो उसकी तनखा एवं आय में से 10 से 15 प्रतिशत की कटौती करके सीधा बुजुर्ग के खाते में स्थानांतरित की जानी चाहिए। इस तरह की राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए और इसके लिए एक बिल लेकर आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिए सरकार ने बहुत सारी योजनाएं दी हैं। लेकिन अल्प बजट एवं दूसरे अन्य कारणों से उनकी समस्याओं का हल नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत बुजुर्ग के पास कोई नियमित आय का साधन नहीं हैं हालांकि वृद्धा पेंशन हैं लेकिन यह बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले के वृद्ध की जनगणना कराई जाये कि उसकी आय क्या है। उन्होंने बुजुर्गों के लिए अन्य सुविधाएं प्रदान करने की मांग की। इसी तरह विधायक अर्जुन सिंह बामनियां सहित अन्य विधायकों ने भी चर्चा में भाग लिया।
सदन में अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मांग संख्या 30 “जनजातीय क्षेत्रीय विकास” पर विधायक अर्जुन लाल जीनगर ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विकास एवं उद्धार के लिए अलग से विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की। विधायक लादूराम मेघवाल ने चौहटन में हैण्डीक्राफ्ट हब बनाने, बाड़मेर जैसलमेर क्षेत्र में तेल के साथ ग्रेनाइट लिग्नाईट कोयला सहित कई पदार्थों का कंपनियां दोहन करती हैं जिनमें एसी एसटी के योग्ताधारी लोगों को कंपनी में जगह दी जाने की मांग की। इसी तरह विधायक श्री बामनियां, प्रताप लाल भील, कैलाश मीणा, थावर चंद, ललित मीणा, मनीष यादव, समाराम सहित अन्य कई सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया।
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