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राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को पूरे दिन सदन की कार्यवाही रही हंगामेदार

जयपुर 07 फरवरी (वार्ता) राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा के तृतीय एवं बजट सत्र में शुक्रवार को कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा के द्वारा अपनी ही सरकार पर फोन टैंपिंग के लगाये गये आरोप का मुद्दा गूंजा और इसे लेकर विपक्ष
के सदस्यों के वेल में आकर नारेबाजी करने से पूरे दिन सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को राज्यपाल अभिभाषण पर वाद विवाद का जवाब भी हंगामें के बीच ही देना पड़ा।
सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न ग्यारह बजे प्रश्नकाल के साथ शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के द्वारा यह मामला उठाया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और उन्हें अपनी जगह पर बैठने एवं प्रश्नकाल के बाद अपनी बात कहने के लिए कहा लेकिन विपक्ष के सदस्यों के वेल में आकर नारेबाजी शुरु कर हंगामा शुरु कर दिया। इस कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी लेकिन विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहने से पूरे दिन सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही और श्री शर्मा को अपना जवाब भी हंगामें के बीच देना पड़ा वहीं हंगामें में शामिल रहने के कारण नेता प्रतिपक्ष श्री जूली भी राज्यपाल के अभिभाषण पर नहीं बोल पाये।
श्री शर्मा ने अपने जवाब में विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह किसान का बेटा हैं और वह जमीन से जुड़ा व्यक्ति हैं जो सरपंच से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा “ विपक्ष उन्हें पहचाने में गलती कर रहा है कि वे जो समझ रहे है, मैं वह नहीं हूं। मैं ब्याज सहित लेने वाला हूं और आपकी गलतफहमी दूर हो जायेगी और तब पता चलेगा कि मुख्यंत्री कैसे हैं।” मुख्यमंत्री अपने पूरे जवाब में हंसते रहे और विपक्ष से कहते रहे कि आप जितनी आवाज करोंगे, उतनी ज्यादा मेरी आवाज बढ़ती जायेगी क्योंकि यह भजनलाल की आवाज नहीं हैं, यह प्रदेश के आठ करोड़ लोगों की आवाज हैं और यह आवाज दबने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इनको जनता की परवाह नहीं हैं, इन्हें एक परिवार की चिंता हैं। राज्य में नये जिलों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में पोपा बाई का राज नहीं हैं कि आप जो चाहो वह हो जायेगा। उन्होंने कहा कि राज नियमों से चलता हैं। उन्होंने कहा कि हमने रोडमैप बनाया और इसके अनुसार काम किया जा रहा है जबकि इन्होंने कोई रोडमैप नहीं बनाया, क्योंकि इन्हें जनता का दर्द महसूस ही नहीं किया। इस प्रकार उन्होंने करीब दो घंटे के अपने संबोधन में विपक्ष पर जमकर हमला बोला और इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक गोविंद सिंह डोटासरा का कई बार नाम लेकर हमला बोला।
इससे पहले पूर्वाह्न गयारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही श्री जूली ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस्तीफे की मांग की और विपक्ष के सदस्य वेल में आ गये और नारेबाजी करना शुरु दिया, जिससे सदन में जोरदार हंगामा हुआ। श्री जूली ने कहा कि राज्य सरकार पर उसी के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा फोन टैपिंग के आरोप लगाए हैं जो गंभीर विषय है। इसमें मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। श्री जूली ने कहा कि कैबिनेट मंत्री का फोन टैप हो रहा है सरकार, सरकार का फोन टैप करा रही है, मंत्री मुख्यमंत्री पर आरोप लगा रहा है जब तक मुख्यमंत्री सदन में जवाब नहीं देंगे, कार्यवाही नहीं चलने देंगे।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने श्री जूली से कहा कि प्रश्नकाल चल रहा है, इसके बाद आपको बोलने का मौका मिलेगा अभी आप बैठ जाये फिलहाल प्रश्नकाल की कार्यवाही को बाधित नहीं करे लेकिन विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इस दौरान सदन की कार्यवाही जारी रही और विधायकों ने अपने प्रश्न पूछे और हंगामें के बीच ही संबंधित मंत्रियों ने जवाब भी दिया।
हंगामा शांत नहीं होने पर श्री देवनानी ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 10 मिनट पर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में एक बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरु होने पर विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरु हुई लेकिन विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही हंगामें के बीच ही चलती रही और इस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद भी जारी रहा। हालांकि कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे में शामिल होने के कारण श्री जूली सहित अन्य कोई कांग्रेस सदस्य वाद विवाद में भाग नहीं लिया। कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में हाथ पर काली पट्टी बांधकर आये और अपना विरोध जताया।
जोरा
वार्ता