राज्य » राजस्थानPosted at: Apr 22 2025 9:01PM लू-तापघात से नहीं हो कोई जनहानि-खींवसरजयपुर, 22 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा है कि विभाग की ओर से लू-तापघात से बचाव एवं उपचार के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन किया जा रहा है और सभी अधिकारी एवं कार्मिक इस भावना के साथ काम करें कि लू-तापघात से प्रदेश में कोई जनहानि नहीं हो। पूरा श्री खींवसर मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में लू प्रबंधन को लेकर प्रदेशभर में की गई तैयारियों एवं गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश देेते हुए कहा कि चिकित्सा तंत्र अलर्ट मोड और प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर आमजन को राहत दे। मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों से लेकर सब-सेन्टर तक पूरी मुस्तैदी के साथ जांच, दवा, उपचार सहित तमाम व्यवस्थाएं पुख्ता रहें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी लापरवाही या कमी सामने आती है तो संबंधित चिकित्सा संस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि चिकित्साकर्मी हीटवेव को लेकर विशेष सतर्कता बरतते हुए यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर, जांच, दवा एवं उपचार के प्रबंधन में कोई कमी नहीं रहे। अधिकारी निरंतर फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करें। संसाधनों की तात्कालिक उपलब्धता के लिए आरएमआरएस फण्ड का उपयोग करें या वैकल्पिक उपायों के माध्यम से तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लू-तापघात से पीड़ित मरीजों को रेपिड रेस्पॉन्स सिस्टम के माध्यम से तत्काल राहत पहुंचाएं। सभी चिकित्सा संस्थानों में लू के उपचार से संबंधित दवाओं, आईसपैक आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें। एम्बुलेंस में सभी जरूरी संसाधन क्रियाशील स्थिति में हो ताकि आपात स्थितियों में त्वरित रूप से राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के रोगियों के लिए डेडीकेटेड वार्ड हों। कन्ट्रोल रूम सुचारू रूप से चौबीस घंटे संचालित किया जाना चाहिए। श्री खींवसर ने कहा कि विभाग की ओर से चिकित्सा संस्थानों में समुचित स्टाफ उपलब्ध कराने के प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं जहां भी स्टाफ की कमी हो, वहां स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें लेकिन उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि हीटवेव प्रबंधन को लेकर संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाएगी। विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि हीटवेव प्रबंधन से संबंधित तैयारियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों पर भी फोकस किया जाए। आमतौर पर गर्मी के मौसम में दूषित खान-पान की वजह से लोगों के बीमार होने के मामले सामने आते हैं। सभी जिलों में नियमित रूप से खाद्य सामग्री में मिलावट की जांच की जाए। खाद्य सामग्री निर्माण करने वाली इकाइयों का समय-समय पर निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि वे सभी खाद्य सुरक्षा मानकों की पालना आवश्यक रूप से करें। साथ ही आमजन को स्वच्छ खान-पान एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया जाए। जोरावार्ता