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57 हजार बिजली कार्मिकों को मिलेगा एक करोड़ रूपए तक का बीमा कवर

जयपुर, 22 अप्रैल (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि विद्युतकर्मियों की व्यक्तिगत दुर्घटना में मृत्यु होने या स्थायी निशक्तता की स्थिति में एक करोड़ रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा उपलब्ध होगा वहीं आंशिक रूप से अशक्तता की स्थिति में 80 लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 10 लाख रुपये के सामूहिक सावधि जीवन बीमा के साथ ही अन्य आर्थिक सहायता एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जायेगी।
श्री शर्मा ने बताया कि इसके लिए मंगलवार को हमने जयपुर, जोधपुर एवं अजमेर विद्युत वितरण कंपनियों, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम तथा राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में कार्यरत सभी विद्युतकर्मियों को बीमा उपलब्ध कराने के लिए भारतीय स्टेट बैंक के साथ एमओयू का आदान-प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इन एमओयू के तहत
राज्य सरकार प्रदेश के कार्मिकों एवं उन पर आश्रित परिवारजनों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। हमने कार्मिकों को सुरक्षित भविष्य देने और उनके कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा तंत्र को सुदृढ़ बनाना तथा आमजन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।
श्री शर्मा मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित भारतीय स्टेट बैंक और विद्युत निगमों के बीच एमओयू आदान-प्रदान तथा ऐप लॉन्चिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आठ करोड़ प्रदेशवासियों को सुशासन देने में राज्य कर्मचारी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। विकसित और खुशहाल राजस्थान के लक्ष्य के लिए कार्मिक समर्पण एवं सेवाभाव के साथ कार्य कर रहे हैं। इसलिए ये महत्वपूर्ण एमओयू कार्मिकों को सुरक्षित भविष्य देने के राज्य सरकार के उद्देश्य की पूर्ति में सहायक सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में करीब 57 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। विद्युत उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक सतत् एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन कंपनियों के तकनीकी कर्मचारी दिन-रात जोखिम भरी परिस्थितियों में कार्य करते हैं। विद्युत कार्य करते समय वे कई बार दुर्भाग्य से हादसे के शिकार हो जाते हैं। ऐसी विषम परिस्थितियों में विकलांगता एवं अशक्तता के के साथ ही असमय ही जान तक चली जाती है, जिसके लिए वर्तमान में अधिकतम क्षतिपूर्ति 20 लाख रुपये तक मुहैया करवाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन एमओयू से राज्य सरकार अथवा ऊर्जा कंपनियों पर बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय भार के कर्मचारियों एवं उन पर आश्रित परिवारजनों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा और मजबूत हो सकेगी। बैंक द्वारा न तो ऊर्जा कंपनियों से और न ही कर्मचारियों से कोई राशि ली जाएगी। इस बीमा का प्रीमियम एसबीआई स्वयं वहन करेगा।
श्री शर्मा ने कार्यक्रम में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा जेईएन साइट वेरीफिकेशन और ऐस्टीमेशन मोबाइल एप्लीकेशन तथा सब स्टेशन मॉनिटरिंग एप्लीकेशन भी लॉन्च किए। उन्होंने कहा कि इससे पेपरलेस सिस्टम को बढ़ावा मिलने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिजिटल भारत की संकल्पना को भी मजबूती मिलेगी। श्री शर्मा ने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार जनसेवा के लिए पूरी तरह समर्पित है और हम आगे भी प्रदेश के चहुंमुखी विकास और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे।
विद्युत निगमों द्वारा लॉन्च दो नए ऐप के माध्यम से प्रदेश के उपभोक्ताओं को पारदर्शिता के साथ बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित होगी। जेईएन साइट वेरीफिकेशन मोबाइल एप्लीकेशन से साइट वेरीफिकेशन तथा एस्टीमेट तैयार करने की प्रक्रिया जेईएन द्वारा सरल, शीघ्र और पारदर्शी तरीके से सम्पादित की जा सकेगी। इससे उपभोक्ताओं को बिजली कनेक्शन शीघ्र जारी हो सकेंगे। इसके अतिरिक्त सब स्टेशन मॉनिटरिंग एप्लीकेशन को ग्रिड सब स्टेशनों की मॉनिटरिंग के लिए तैयार किया गया है। इससे विद्युत आपूर्ति के सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी तंत्र 33/11 जीएसएस में मैटेरियल की उपलब्धता तथा आवश्यकता का सही आकलन कर पाएंगे।
कार्यक्रम में ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर तथा अजमेर एवं जोधपुर डिस्कॉम्स के एमडी वीसी के माध्यम से जुड़े।
जोरा
वार्ता