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गत ग्यारह साल में 34 हजार किलोमीटर लंबी रेल पटरियां बनी-वैष्णव

बीकानेर 22 मई (वार्ता) रेल मंत्री मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि गत 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रेलवे के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है और इस दौरान 34 हजार किलोमीटर लंबी रेल पटरियां बनी हैं, जो जर्मनी के कुल रेल नेटवर्क से भी बड़ा है।
श्री वैष्णव गुरुवार को यहां श्री मोदी की जनसभा में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस दौरान 47 हजार किलोमीटर लंबी रेल लाइनों का विद्युतीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में छोटे और मध्यम दर्जे के रेलवे स्टेशनों के विकास पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ समय पहले देश में एक साथ 1062 रेलवे स्टेशनों के विकास की नींव रखी थी। आज इनमें से 103 स्टेशनों का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले 100 स्टेशन भी आठ महीनों में बनकर तैयार हो जाएंगे।
इस अवसर पर केन्द्रीय कानून एवं न्याय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीकानेर की धरती पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता के बाद उनका दौरा प्रदेशवासियों के हौसलों की बुलंदी और विश्वास को मजबूत करने वाला है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो मां करणी के मंदिर में दर्शन करने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रिफॉर्म, परफॉर्म एवं ट्रांसफॉर्म के मंत्र से एमएमडीआर एक्ट का संशोधन हुआ, जिससे यहां पोटाश का उत्खनन संभव हुआ एवं फर्टिलाइजर कारखाने लगने की संभावना बढ़ी। प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम मंत्रालय ने भी उत्खनन का कार्य हाथ में लिया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस क्षेत्र में कोल गैसिफिकेशन के माध्यम से विकास का नया मार्ग भी खुलने जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री भजनलाल ने प्रधानमंत्री मोदी का साफा पहनाकर और प्रतीक चिह्न स्वरूप चरखा भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा, सांसद मदन राठौड़, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद एवं विधायक और बड़ी संख्या में आमजन मौजूद थे। कार्यक्रम से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल एवं जनप्रतिनिधियों सहित 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से भी लोग ऑनलाइन जुड़े।
जोरा
वार्ता