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जैव विविधता को संरक्षित कर उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना सामूहिक जिम्मेदारी: तन्मयकुमार

उदयपुर, 22 मई (वार्ता) केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव तन्मय कुमार ने कहा है कि जैव विविधता को संरक्षित एवं संवर्द्धन कर उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
श्री कुमार गुरुवार को यहां केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण, राजस्थान वन विभाग एवं राजस्थान राज्य जैव विविधता बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस, 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में आगामी विश्व पर्यावरण दिवस
के मद्देनजर विश्व स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने के अभियान का भी शुभारंभ किया गया।
उन्होंने कहा कि भारत जैव विविधता की दृष्टि की समृद्ध है। यहां हजारों प्रजातियों के पेड़-पौधे तथा जीव-जन्तु पाए जाते हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जैव विविधता दिवस की थीम प्रकृति से सांमजस्य एवं सतत विकास रखी गयी है।
श्री कुमार ने महात्मा गांधी के वक्तव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रकृति हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर सकती है, लेकिन इच्छाओं को नहीं। इसलिए प्रकृति का दोहन आवश्यकताओं के लिए ही होना चाहिए, कभी न खत्म होने वाली इच्छाओं के लिए नहीं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में देश समन्वित रूप से विकास कर रहा है। इसमें पर्यावरण और जैव विविधता को भी संबल मिला है। श्री मोदी की ओर से प्रारंभ किया गया ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान नए कीर्तिमान स्थापित कर चुका है।
कार्यक्रम को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अमनदीप गर्ग, महानिदेशक एवं विशिष्ट सचिव वन सुशील कुमार अवस्थी, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अध्यक्ष सी अचलेंद्र रेड्डी ने भी संबोधित किया।
रामसिंह.श्रवण
वार्ता