Saturday, Jun 21 2025 | Time 16:21 Hrs(IST)
राज्य » राजस्थान


देश की प्रगति के प्रतीक बन रहे है नए भारत के नए रेलवे स्टेशन-बिरला

बून्दी 22 मई (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अमृत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित बूंदी रेलवे स्टेशन का वर्चुअल उद्घाटन करने पर क्षेत्रवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा है कि पुनर्विकसित बूंदी रेलवे स्टेशन आधुनिक विकास और सांस्कृतिक विरासत के अद्वितीय संगम का प्रतीक है और ये नए भारत के नए रेलवे स्टेशन देश की प्रगति के प्रतीक बन रहे है।
श्री मोदी ने गुरुवार को अमृत स्टेशन योजना के तहत विकसित किए गए बून्दी रेलवे स्टेशन का बीकानेर से वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया और यहां बून्दी में आयोजित कार्यक्रम में श्री बिरला सम्मिलित हुए और इस अवसर यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमृत स्टेशन योजना के तहत विकसित हो रहे नए रेलवे स्टेशन न केवल एक आधुनिक सुविधायुक्त यात्री केंद्र है बल्कि यह नए भारत की नई सोच, नई दृष्टि और देश प्रगति की तस्वीर भी प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि बूंदी आज एक नई पहचान की ओर अग्रसर है। हमारा निरन्तर प्रयास है कि बून्दी को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिले। इस दिशा में कई बड़े कार्य हुए है और कई जारी है।
श्री बिरला ने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में रेल नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल रही हैं। गत 11 वर्षों में कोटा–बूंदी क्षेत्र में प्रमुख और उप-नगरीय रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास हुआ है। नई रेल सेवाओं और मेमू ट्रेनों के संचालन से आवागमन आसान हुआ है। बूंदी में वंदे भारत के ठहराव से पर्यटन को बल मिलेगा। कोटा, रामगंजमंडी, मोड़क, केशवरायपाटन, बूंदी, कापरेन, दीगोद और अरनेठा जैसे स्टेशनों पर 14 ट्रेनों के ठहराव से यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिली है।
उन्होंने कहा कि बून्दी रेलवे स्टेशन को 8.15 करोड़ की लागत से आधुनिक स्वरूप दिया गया है। जिसमें सुविधा, सुंदरता और विरासत का समन्वय दिखाई देता है। भव्य प्रवेश द्वार, आकर्षक फसाड, हाई मास्ट लाइटिंग, आधुनिक प्रतीक्षालय, नया टिकट काउंटर, स्वच्छ मॉडर्न टॉयलेट, दिव्यांगजन के लिए सुगम रैंप जैसी सुविधाएं शामिल की गई हैं। स्टेशन को पूरी तरह दिव्यांगजन-फ्रेंडली बनाया गया है ताकि सभी यात्रियों को सहज, सुरक्षित और आधुनिक परिवेश में यात्रा का अनुभव मिल सके।
जोरा
वार्ता