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आखिर न्याय और संविधान की हुई जीत-जूली

जयपुर 23 मई (वार्ता) राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सजायाफ्ता अन्ता विधायक कंवरलाल मीणा को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किये जाने को न्याय और सत्य की जीत बताया है।
श्री जूली ने कंवरलाल मीणा को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य कर दिए जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में शुक्रवार को कहा “सत्यमेव जयते, यह कांग्रेस के संघर्ष की जीत है।” उन्होंने कहा “हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडगे का यह संकल्प है कि हमें संविधान को बचाना है और उसके लिए सतत् संघर्षरत रहना है। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हमारी लड़ाई संविधान को बचाने के लिए थी और कांग्रेस इसके लिए संकल्पित और संघर्षरत रही और आखिर में संविधान की जीत हुई और उसका सम्मान बना रहा।” उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी के संविधान बचाओ संघर्ष की जीत बताया है।
उन्होंने कहा कि हमारी लडाई तो संविधान और विधानसभा के प्रक्रिया नियमों की गरिमा को बनाए रखने के लिए थी परन्तु विधानसभा अध्यक्ष ने निर्णय लेने में अनावश्यक देरी की जिसके कारण विधायक पद पर रहते हुए वो जेल गए और विधानसभा की गरिमा धूमिल हुई।
श्री जूली ने बताया कि कंवरलाल मीणा को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिए कांग्रेस विधायक दल के सदस्यों ने तीन बार विधानसभा अध्यक्ष और राज्य के संवैधानिक प्रमुख पद पर आसीन राज्यपाल के समक्ष ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात को रखा इसके बाद भारत के निर्वाचन आयोग में अपनी शिकायत दर्ज की लेकिन इस सम्बन्ध में संवैधानिक प्रावधानों और नियमों की रक्षा के बजाय सजायाफ्ता विधायक की सदस्यता को बचाए रखने के लिए नित नए प्रयास किए जाने लगे। आखिर में न्याय की प्रत्याशा में न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई जिसमें बुधवार को सुनवाई की जानी थी। उन्होंने कहा कि आगे होने वाली किरकिरी को देखते हुए कंवरलाल मीणा को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करने का निर्णय लेना पडा।
जोरा
वार्ता