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जैव विविधता संरक्षण और वन सुरक्षा के लिए जयपुर में जागरूकता कार्यक्रम

जयपुर 23 मई (वार्ता) राजस्थान वानिकी और जैव विविधता विकास परियोजना (आरएफबीडीपी) ने केंद्रीय संचार ब्यूरो, प्रादेशिक कार्यालय जयपुर के सहयोग से जयपुर के नायला और कुकस क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण एवं वन सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों में महिलाओं, बच्चों और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने भाग लिया। आरएफबीडीपी, राजस्थान वन विभाग की एक परियोजना है और यह पूर्वी राजस्थान के 13 चयनित जिलों में लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक वनों का संरक्षण और विकास, संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा, शुष्क चरागाहों का पुनर्निर्माण और समुदाय की भागीदारी तथा बेहतर प्रबंधन के माध्यम से सतत वन प्रबंधन को बढ़ावा देना है।
परियोजना निदेशक टी जे कविथा ने कहा “हमारा लक्ष्य समुदायों को इस दिशा में प्रेरित करना है कि वे अपने वनों के रक्षक बनें। इन नुक्कड़ नाटकों के कलाकार सांस्कृतिक भाषा के ज़रिए लोगों को प्रकृति और आरएफबीडीपी के उद्देश्य से जोड़ते हैं।” आरएफडीपी का उद्देश्य स्पष्ट है, जलवायु परिवर्तन से लड़ना, पारिस्थितिक तंत्रों को पुनर्जीवित करना और राजस्थान की अनोखी जैव विविधता की रक्षा करना। इन रंगमंच प्रस्तुतियों के माध्यम से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनों की रक्षा को बढ़ावा देने और महिलाओं के सशक्तिकरण जैसे अहम संदेशों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
नाटकों में समझाया गया कि जंगली जानवर हमारे दुश्मन नहीं बल्कि डरे हुए जीव हैं जो अपने प्राकृतिक आवास नष्ट होने के कारण गाँवों की ओर आ रहे हैं। इस समस्या का समाधान प्रतिशोध नहीं, बल्कि वन विभाग को समय पर सूचित करना है। समुदाय को बायो फेंसिंग, वन कॉरिडोर की रक्षा, और प्लांट माइक्रो रिजर्व जैसे उपायों से अवगत कराया गया। इसके अलावा ओरन (पवित्र वन), जल संरक्षण और पारंपरिक वन प्रथाओं के पुनर्जीवन पर भी जोर दिया गया।
जोरा
वार्ता