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आपरेशन सिंदूर में सेना की महिला अधिकारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए बनी प्रेरणास्पद-दियाकुमारी

जयपुर, 23 मई (वार्ता) राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने “ऑपरेशन सिन्दूर” में भारतीय सेना की महिला अधिकारियों के साहस और नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा है कि इस ऑपरेशन में महिलाओं ने न केवल अत्यधिक जोखिम उठाया बल्कि देश के लिए अभूतपूर्व साहस दिखाया जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्पद है।
श्रीमती दिया कुमारी शुक्रवार को यहां सीआईआई-आईडब्ल्यूएन वार्षिक सत्र एवं महिला नेतृत्व सम्मेलन 2025 को संबोधित कर रही थी। यह सम्मेलन आज यहां सम्पन्न हुआ। इस वर्ष सम्मेलन की थीम थी “परिवर्तनकारी नेतृत्व का जश्न” जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आईं प्रभावशाली और प्रेरणादायक महिला लीडर्स ने भाग लेकर अपने अनुभव साझा किए।
इस सम्मेलन की मुख्य अतिथि सुश्री दिया कुमारी ने महिला सशक्तिकरण, नेतृत्व, और राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई महिला कल्याण योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज महिलाएं अपने-अपने क्षेत्र में प्रेरणास्रोत बन रही हैं। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, ‘उज्ज्वला योजना’ से लेकर संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण तक ये सभी पहलें महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील के पत्थर हैं।
उन्होंने कहा कि जब विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एक स्वर में बोलते हैं, तो पूरा ब्रह्मांड सुनता है, यही एकता बदलाव की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने सामाजिक और पारिवारिक ढांचे में महिलाओं की बढ़ती भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि और महिला केंद्रित सोच का परिणाम है। उन्होंने सभी से अपील की कि हमें परिवार और समाज में भी यही दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और महिलाओं को कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए।
अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए उन्होंने गर्व से कहा कि वह एक सैनिक की बेटी हैं। उनके पिताजी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लिया था और पाकिस्तान के छाछरो क्षेत्र में भारत का ध्वज फहराया था। उन्होंने अनुशासन, समय की पाबंदी और राष्ट्रसेवा की प्रेरणा अपने पिताजी से प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा, सैन्य सेवा, उद्योग हो या अन्य क्षेत्र हर जगह महिलाएं आज नेतृत्व कर रही हैं। हमें इस परिवर्तन को स्वीकारना और सम्मानित करना चाहिए।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिला उद्यमी, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा से जुड़ी हस्तियां मौजूद रही और सभी ने एक सुर में महिला नेतृत्व और समान भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
जोरा
वार्ता