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राजस्थान में जल संरक्षण अब बना जन आंदोलन-शेखावत

जोधपुर, 17 जून (वार्ता) केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि राजस्थान में जल संरक्षण अब सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं बल्कि एक व्यापक जन आंदोलन बन चुका है और अभियान में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है जो इस बात का संकेत है कि जल संकट से सर्वाधिक प्रभावित होने के कारण वे पर्यावरणीय चेतना की अग्रणी वाहक बन चुकी हैं।
श्री शेखावत मंगलवार को सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान' के तहत राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा अब तक 57 से 58 हजार कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। प्रदेश के सभी जिलों और संभागों में यह अभियान सक्रिय रूप से चल रहा है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक रही है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण को लेकर लोगों में जैसी जागरुकता आई है, उसने इस पहल को एक वास्तविक जन आंदोलन में बदल दिया है।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत हजारों पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार किया गया है, जिनमें कैचमेंट क्षेत्रों की सफाई और अवरोधों को हटाने का कार्य शामिल है। जोजरी नदी के कायाकल्प की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे जोधपुर और इसके आसपास के 26 किलोमीटर के दायरे में स्थित क्षेत्रों को दीर्घकालिक लाभ होगा।
जोजरी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी से जुड़े सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि दो दिन पूर्व उनकी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें उन्होंने पाली, जोधपुर और बालोतरा से निकलने वाले रासायनिक युक्त जल को पाइपलाइन के माध्यम से कच्छ क्षेत्र तक पहुंचाने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। श्री शेखावत ने कहा कि इस योजना से केवल उद्योगों को ही नहीं बल्कि प्रदूषित भूमि की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। जब शोधित जल नदियों में बहेगा, तो यह न केवल जल स्रोतों की प्राकृतिक शुद्धता लौटाएगा बल्कि किसानों की समृद्धि में भी योगदान देगा।
पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि से जुड़े सवाल पर श्री शेखावत ने कहा कि स्वतंत्रता के 13 साल बाद जब पाकिस्तान के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत के हितों को हमेशा-हमेशा के लिए पाकिस्तान के साथ गिरवी रख दिया था। देश के बंटवारे में 18 प्रतिशत भू-भाग पाकिस्तान और 82 प्रतिशत भू-भाग भारत के रूप में चिह्नित हुआ, लेकिन जब पानी का बंटवारा हुआ तो 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को मिला और महज 20 प्रतिशत पानी भारत को मिला। ऐसे में पाकिस्तान को जाने वाले पानी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही फैसला किया है।
श्री शेखावत ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जमीन से पानी निकालने वाला देश है। हमारे बाद अमेरिका और चीन का नंबर है। हमारी ग्रामीण पेयजल आपूर्ति भूजल पर आधारित है। खेती का 75 प्रतिशत हिस्सा भी भूजल से आता है। इसके अत्यधिक दोहन के चलते देश में डार्क जोन बढ़ रहे हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्षा जल संरक्षण को लेकर व्यापक अभियान और कार्य हुए। देश के सभी 700 जिलों में जलशक्ति अभियान आयोजित किए जा रहे हैं। भूजल की मैपिंग करके रोडमैप बनाया गया।
जोरा
वार्ता