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बागडे ने हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के दिए निर्देश

झालावाड़, 18 जून (वार्ता) राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा कर कोई भी पात्र व्यक्ति इन योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं रहने के निर्देश दिए है।
श्री बागडे बुधवार को झालावाड़ स्थित जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं का प्रचार-प्रसार इस प्रकार हो कि समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक भी लाभ पहुंचे और वास्तविक जरूरतमंद वर्ग सशक्त हो सके। उन्होंने योजनाओं के समयबद्ध और परिणामोन्मुखी क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया।
बैठक के दौरान राज्यपाल ने जल जीवन मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, मनरेगा, पीएम सूर्य घर योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, कुसुम योजना, मिशन हरियालो राजस्थान, राजीविका, डेयरी विकास एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को आवास योजना एवं अन्य योजनाओं में प्राथमिकता के साथ लाभान्वित किया जाए।
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल देते हुए कहा कि बच्चों की बौद्धिक और शारीरिक क्षमता को एक साथ विकसित किया जाए। उन्होंने जिले के स्कूलों में खेल मैदानों की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और छात्रावासों में व्यायामशाला एवं खेल सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने सांसद एवं विधायक निधियों से विद्यालयों एवं छात्रावासों में आवश्यक अधोसंरचनाओं के विकास का आह्वान किया। साथ ही प्रतिभावान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को कोचिंग, छात्रवृत्ति आदि के माध्यम से आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए।
श्री बागडे ने “मिशन हरियालो राजस्थान” की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि केवल पौधे लगाने तक सीमित न रहा जाए बल्कि उनकी सुरक्षा और सार-संभाल भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कम जल आवश्यकता वाले पौधों के रोपण को प्राथमिकता देने को कहा ताकि पर्यावरणीय संतुलन के साथ जल संरक्षण भी संभव हो सके।
राज्यपाल ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मुक्त गांवों, नए प्रकरणों की पहचान, उपचार प्रक्रिया और रोकथाम उपायों की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सा विभाग को निर्देशित किया कि सभी रोगियों को समय पर गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराया जाए और जन-जागरूकता कार्यक्रमों को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना की समीक्षा करते हुए जल संचयन एवं भूजल स्तर बढ़ाने की दिशा में स्थानीय समाधान अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में वर्षा जल का संचयन उसी गांव में हो और वह व्यर्थ बहकर न जाए, इसके लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाए।
राजीविका (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत सक्रिय महिला समूहों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाई जाए और प्रत्येक महिला को उद्यमिता के लिए प्रेरित किया जाए। निष्क्रिय समूहों को पुनः सक्रिय करने और स्थानीय उत्पादों को आमजन तक पहुंचाने की दिशा में प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए।
कृषि विभाग को उन्होंने मृदा परीक्षण कार्यक्रम के तहत अधिकतम किसानों को जोड़ने, वैज्ञानिक पद्धति से खेती को बढ़ावा देने, फार्म पॉन्ड निर्माण, फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण बढ़ाने और उत्पादकता एवं आय में वृद्धि हेतु तकनीकी मार्गदर्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट निस्तारण की भी समीक्षा करते हुए उन्होंने जैविक खाद निर्माण को प्रोत्साहित करने तथा इसे किसानों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे स्वच्छता के साथ कृषि को भी लाभ हो।
राज्यपाल ने अंत में सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन केलिए नियमित निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि किसी भी योग्य नागरिक को योजनाओं से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि योजनाएं केवल आंकड़ों में नहीं बल्कि धरातल पर नजर आये।
जोरा
वार्ता