राज्यPosted at: Jul 29 2023 9:58PM आईआईटी गांधीनगर दीक्षांत समारोह में 456 छात्रों को मिली डिजिटल डिग्रीगांधीनगर, 29 जुलाई (वार्ता) गुजरात में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर (आईआईटी जीएन) के 12वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को 456 छात्रों को डिजिटल डिग्री प्रदान की गयी।वैश्विक प्रौद्योगिकी समाधान कंपनी साइएंट के संस्थापक अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने दीक्षांत भाषण में स्नातक छात्रों को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आने वाले विभिन्न अवसरों और चुनौतियों और कुछ सबसे गंभीर वैश्विक चिंताओं को हल करने के लिए इसके प्रभाव पर विचार करने का आग्रह किया। इस अवसर पर छात्रों को यूएसबी ड्राइव में सत्यापन योग्य और छेड़छाड़-प्रूफ डिजिटल डिग्री, मार्कशीट और पदक प्रमाण पत्र प्रदान किए। इसके अलावा संस्थान ने इन डिजिटल डिग्रियों को छात्रों के डिजिलॉकर में भी अपलोड कर दिया है जिसे वे कहीं से भी अपने आधार प्रमाणीकरण के साथ पीडीएफ प्रारूप में एक्सेस और डाउनलोड कर सकेंगे।डॉ. रेड्डी ने चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला जो किसी व्यक्ति के साथ-साथ समाज के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं जिनमें प्रौद्योगिकी की शक्ति, नवाचार, उद्यमिता, नैतिकता और सस्टेनेबिलिटी शामिल हैं। उनमें से प्रत्येक के अनूठे पहलुओं पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने छात्रों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा, “प्रौद्योगिकी केवल अध्ययन या करियर विकल्प का क्षेत्र नहीं है। यह एक शक्तिशाली शक्ति है जो नवाचार को बढ़ावा देती है। उद्योगों को आकार देती है और समाज को बदल देती है। इसलिए हमारे लिए उभरती प्रौद्योगिकियों की शक्ति का पता लगाना आवश्यक है जो हमारी दुनिया के प्रक्षेप पथ को परिभाषित करेगी और जलवायु परिवर्तन, असमानता, और स्वास्थ्य देखभाल जैसी गंभीर वैश्विक चुनौतियों का समाधान करेगी। दूसरी ओर नवाचार उद्यमिता की जीवनधारा है जो यथास्थिति को चुनौती देता है। अवसरों की तलाश करता है। विचारों को कार्रवाई में बदलता है। तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देता है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है। अधूरी जरूरतों को पहचानने, बाजार की गतिशीलता को समझने, और अपने तकनीकी ज्ञान को लागू करने से आपके पास परिवर्तनकारी नवाचारों की कल्पना करने की शक्ति है जो उद्योगों को आकार दे और जीवन को बेहतर बनाए।”उन्होंने छात्रों से नैतिकता और सस्टेनेबिलिटी के मार्ग पर चलने का आग्रह करते हुए कहा, “अब जब आप पेशेवर दुनिया में कदम रख रहे हैं। मैं आपसे हमारे समाज की बेहतरी के उद्देश्य की भावना के साथ प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग करने का आग्रह करता हूं। अपने काम के नैतिक निहितार्थों पर विचार करें और ऐसी तकनीकें बनाने की आकांक्षा रखें जो वैश्विक स्तर पर समावेशिता, समानता और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दें क्योंकि प्रौद्योगिकी में आपकी विशेषज्ञता उद्योगों को नया आकार देने और टिकाऊ प्रथाओं को चलाने में महत्वपूर्ण होगी।“अपने समापन संदेश में डॉ. रेड्डी ने छात्रों को कहा, “आज जब आप एक प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान से स्नातक हो रहे हैं तो अवसरों का लाभ उठाएं, चुनौतियों का सामना करें और साथ मिलकर एक ऐसे भविष्य को आकार दें जहां प्रौद्योगिकी मानव अनुभव को उन्नत करे और दुनिया को आनेवाली के लिए पीढ़ियों एक बेहतर जगह बनाए।”अनिल.संजयजारी.वार्ता