Wednesday, May 21 2025 | Time 17:53 Hrs(IST)
राज्य » उत्तर प्रदेश


उद्योग और क्रशरों को अब पानी की भरपाई भी करनी होगी

सहारनपुर, 30 सितंबर (वार्ता) सहारनपुर जिले में गिरते भूजल स्तर को संरक्षित करने के लिए शासन-प्रशासन ने जो नई नीति बनाई है उसके मुताबिक अब उद्योगों और क्रशरों को इस्तेमाल किए गए भूजल की भरपाई करनी होगी।
अधिशासी अभियंता आशीश चौधरी ने सोमवार को बताया कि सहारनपुर जिले में 11 ब्लाक में से केवल एक पुंवारका का भूजल स्तर ही सुरक्षित वर्ग में है। बाकी 10 ब्लाकों में भूजल स्तर सामान्य से नीचे चला गया है।
जिलाधिकारी मनीष बंसल की अध्यक्षता में आयोजित जिला भूजल प्रबंधन परिषद की बैठक में तय किया गया कि भूजल का उचित और संतुलित इस्तेमाल किया जाए। जिससे भविष्य में जल संकट से बचा जा सके। इस परिषद की एनओसी के लिए प्रदूषण विभाग और एनएबीएल लैब से वाटर क्वालिटी रिपोर्ट को अनिवार्य किया गया है। जिन स्थानों पर भूमि के जल का ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है उन इलाकों में अनापत्ति प्रमाण पत्र तभी दिया जाएगा जब स्थानीय सरकारी जल आपूर्ति संस्थान पर्याप्त मात्रा में पानी आपूर्ति करने में सक्षम नहीं होंगे।
दो घन मीटर प्रतिदिन से ज्यादा इस्तेमाल करने वाले उद्योगों को हर वर्ष केंद्रीय भूजल प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित विशेषज्ञों से पानी के इस्तेमाल की जांच करानी होगी और जल स्तर की नियमित निगरानी के साथ उद्योग परिसर में बारीश के पानी को एकत्रित करने और भूजल को रिचार्ज करने की प्रणाली लगानी होगी।
जिले में अब औद्योगिक इकाइयों, चीनी मिल, पेपर मिल एवं स्टोन क्रशन द्वारा इस्तेमाल किए गए पानी कर निगरानी की जाएगी। भूगर्भ जल विभाग के अनुसार लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयां यदि प्रतिदिन 10 घनमीटर से ज्यादा पानी का इस्तेमाल करती हैं तो उन्हें अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।
सं प्रदीप
वार्ता