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कुशीनगर में गंडक नदी में कटान तेज,तटवर्ती इलाकों में दहशत

कुशीनगर 2 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बड़ी गंडक नदी का जलस्तर कम होने के साथ कटान तेज हो गया है। बुधवार को एपी तटबंध पर विरवट कोन्हवलिया गांव के सामने कटान से तटवर्ती गांवों में अफरा.तफरी मच गई।
गांव वाले कटान रोकने में जुट गए। सूचना पर तहसील प्रशासन और बाढ़ खंड के अधिकारी भी पहुंच गए। बोल्डर और मिट्टी भरी बोरियों से कटान रोकने का प्रयास किया जा रहा है। बंधे पर बाढ़ खंड के अधिकारियों को कैंप करने के निर्देश दिए गए हैं।
बुधवार भोर में एपी बांध किमी 7.100 पर विरवट कोन्हवलिया में प्रधान के घर के सामने लगभग 50 मीटर दायरे में कटान शुरू हो गया। जानकारी होते ही लोग पहुंच गए और कुछ दूरी पर रखे बोल्डर को ट्रैक्टर.ट्रॉली से लाकर गिराने लगे। सुबह आठ बजे तक बाढ़ खंड के एक्सईएन, एसडीओ, जेई और एसडीएम, तहसीलदार भी पहुंच गए। अफसरों की मौजूदगी में बचाव कार्य जारी रहा।
बाढ़ खंड के जेई के अनुसार मंगलवार की रात करीब 12 बजे तक नदी यहां कटान नहीं कर रही थी। नदी का रुख बदलने से भोर में कटान तेज हो गया।नाराज गांव वाले अफसरों को खरी--खोटी सुनाते हुए हंगामा करने लगे। चेतावनी दी कि बंधा टूटा तो खैर नहीं है। पिछले कई साल से इस स्थान पर बंधे की मरम्मत कराने की मांग की जा रही है लेकिन कोई नहीं सुन रहा है। नदी का दबाव जिस स्थान पर कम है। उसी स्थान पर रुपये खपाए जा रहे हैं। उचित स्थान पर बचाव के लिए कार्य बाढ़ खंड के जिम्मेदारों ने कोई काम नहीं किया। इसका नतीजा है कि विरवट कोन्हवलिया के सामने बंधे पर खतरा मंडरा रहा है।
पहले नदी ने कट इन वन से कट इन टू बांध (ठोकर नंबर चार) तक को निशाने पर लिया था। फिर रिसाव और अब एपी बांध पर आक्रामक हो गई है। अगर यहां बांध टूटा तो जवही मलही, गौराहा, बाक खाश, बेदुपार, सिसवा नाहर, बाघा चौर, नोनिया पट्टी, फागू छापर आदि गांवों का वजूद खतरे में पड़ जाएगा। वर्ष 2012 में भी नदी इस गांव में रौद्र रूप दिखा चुकी है और यहां के लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने एसडीएम विकास चंद्र, एक्सईएन महेश कुमार सिंह को बंधे पर कैंप करने और कटान को रोकने के लिए बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। शाम तक बचाव कार्य जारी रहा। दो दिन से कटानस्थल पर ही बंधे से रिसाव हो रहा था।
कटान स्थल पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने अधिकारियों से बात की और बाढ़ खंड पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि समय रहते विरवट कोन्हवलिया के पास ठोकर का निर्माण कराया होता तो शायद यह नौबत नहीं आती। गांव वाले भी दो दिन से यही आरोप बाढ़ खंड के अधिकारियों पर लगा रहे हैं।
इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि‌कटान रोकने के निर्देश दिए गए हैं। बंधे पर निगरानी बढ़ा दी गई है। बाढ़ खंड के अधिकारियों को कैंप करने को कहा गया है। डाउन स्ट्रीम में जाने पर नदी कटान करती है। इससे निपटने के लिए सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।
सं प्रदीप
वार्ता