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जालौन में लघु सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी पर अनियमितता का आरोप

जालौन 12 मार्च (वार्ता) उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में लघु सिंचाई के अधिशासी अभियंता पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार गहरी बोरिंग, व मध्य गहरी बोरिंग चेक डैम निर्माण, और अन्य निजी सिंचाई परियोजनाओं में मानकों की अवहेलना और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकार को करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप अधिशाषी अभियंता राजेश कुमार गुप्ता और उनकी टीम पर लगा है।
आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 2023,2024,2035 में विभाग द्वारा किए गए कार्यों में गहरी बोरिंग और मध्य गहरी बोरिंग के बीच भारी अंतर पाया गया। गहरी बोरिंग कार्यों में तकनीकी मानकों का पालन नहीं किया गया, जिससे गुणवत्ता प्रभावित हुई तथा किसानों को नुकसान हुआ। अनियमितताओं की जाँच करने पर यह भी पाया गया कि कई स्थानों पर चेक डैम गलत स्थानों पर बनाए गए, जो स्वीकृत ड्राइंग और डिज़ाइन के अनुरूप नहीं थे।
विशेष रूप से बुढेरा, ब्लॉक नदीगांव में बनाए गए चेक डैम की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। ठेकेदारों और अभियंताओं की मिलीभगत से इस कार्य में सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और इसे पूर्ण रूप से मानकविहीन तरीके से निर्मित किया गया। जिसकी उपयोगिता पशुओं को पानी एवं सिंचाई के लिये नहीं हो रही है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में 8.16 लाख रुपये की राशि से बनाई गई बैनीफिशरी त्रुटिपूर्ण पाई गई। इसके अलावा, 30 और 31 मार्च 2021 को विभिन्न ठेकेदारों के भुगतान के लिए पारित वाउचर को एक साथ संकलित कर प्रस्तुत किया गया, जिससे कोषागार में समय पर भुगतान नहीं हो सका। इससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। तथा किसानों को मिलने वाले अनुमान अनुदान का लाभ नहीं मिल पाया।
लघु सिंचाई खंड, जालौन में हो रही अनियमितताओं और अधिकारों का दुरुपयोग को देखते हुए जिलाधिकारी, जालौन ने 15 अप्रैल 2024 में जाँच के आदेश जारी किए थे और आख्या उपलब्ध कराने के लिए कई पत्र निर्गत किए। हालांकि इस पर कोई प्रगति नहीं दिखायी दी है।
सं प्रदीप
वार्ता