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उत्तर प्रदेश सरकार अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध को बदलेगी अवसर में

गोरखपुर, 26 अप्रैल (वार्ता) अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ युद्ध का लाभ उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार वैश्विक आर्थिक गतिरोध को राज्य के लिए अवसर में बदलने की तैयारी कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि जहां दो वैश्विक महाशक्तियों के बीच गतिरोध भारत के लिए एक व्यापक अवसर प्रस्तुत करता है, वहीं उत्तर प्रदेश अपनी सुधरती कानून-व्यवस्था, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और प्रचुर कुशल कार्यबल के साथ खुद को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि एक्सप्रेसवे, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और अंतर-राज्यीय जलमार्गों जैसे मजबूत विकास के साथ-साथ कम लागत वाले श्रम और संपन्न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के कारण उत्तर प्रदेश चीन से अपना कारोबार हटाने की इच्छा रखने वाले व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरा है। सूत्रों ने कहा कि इस संभावना को वास्तविकता में बदलने के लिए राज्य सरकार अब एक नई निर्यात नीति पेश करने पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा “ इस पहल के तहत सरकार 'इन्वेस्ट यूपी' को और अधिक कुशल और पारदर्शी बनाएगी, ताकि निवेशकों की सहज भागीदारी सुनिश्चित हो और विदेशी निवेश को बढ़ावा मिले।”
सूत्रों ने बताया कि भारत और विदेशों में यूपी के उत्पादों की ब्रांडिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार शो का आयोजन करती है।
उन्होंने कहा “इस साल यह आयोजन 25 से 27 सितंबर तक होगा, जिसमें वियतनाम भागीदार देश होगा। यह शो भारत और 70 अन्य देशों के लाखों लोगों को ब्रांड यूपी का अनुभव करने का मौका देगा।”
सूत्रों ने बताया कि आयोजन को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए सरकार महाराष्ट्र, दक्षिण भारतीय राज्यों, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर और प्रमुख हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों सहित प्रमुख स्थानों पर बड़े पैमाने पर प्रचार करेगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा आगामी निर्यात नीति में ब्रांड यूपी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में मदद करने के लिए निर्यात प्रोत्साहन कोष शामिल होगा। यूपी पहले से ही चमड़ा और जूते के निर्यात में देश में अग्रणी है, इस क्षेत्र में भारत के कुल निर्यात में इसका 46 प्रतिशत योगदान है।
उन्होंने कहा “ इस स्थिति को और मजबूत करने के लिए सरकार एक समर्पित चमड़ा और फुटवियर नीति पेश करने जा रही है, जिससे तमिलनाडु के बाद यूपी ऐसा करने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा। इस नीति से कानपुर, उन्नाव और आगरा जैसे क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।”
सूत्रों ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच चल रहा व्यापार युद्ध भारत के एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। फिलहाल चीन अमेरिका को 148 अरब डॉलर का रोजमर्रा का सामान निर्यात करता है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 72 प्रतिशत है, जबकि भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 2 प्रतिशत है। इनमें से कई सामान एमएसएमई इकाइयों में बनाए जाते हैं।
गौरतलब है कि यूपी 96 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों के साथ देश में सबसे आगे है। इन व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए राज्य सरकार नियमित रूप से उत्पाद की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर सार्वजनिक मंचों पर एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की प्रशंसा करते हैं और कहते हैं कि इसके लॉन्च होने के बाद से यूपी का निर्यात 88,967 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक इस आंकड़े को तीन गुना करना है। हालांकि, चल रहे अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और राज्य की सक्रिय तैयारियों को देखते हुए, यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।
सोनिया
वार्ता