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शंकराचार्य शंकर विजेंद्र सरस्वती महाराज कांचीपुरम पीठ के उत्तराधिकारी को देंगे संयास दीक्षा

अयोध्या, 26 अप्रैल (वार्ता) भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मूलाम्नाय सर्वज्ञपीठ श्री कांचीकामकोटि के पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य शंकर विजेन्द्र सरस्वती महाराज आगामी तीस अप्रैल को पुण्य अक्षय तृतीया के दिन कांचीपुरम् में अगले पीठ के उत्तराधिकारी को सन्यास दीक्षा देंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी के प्रमोदवन में स्थित कांचीमठ मंदिर के कांचीमठ धर्म प्रचारक रामचन्द्रन टी.एन. ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि भगवान आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित मूलाम्नाय सर्वज्ञपीठ श्री कांचीकामकोटि पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य शंकरविजेन्द्र सरस्वती महाराज आगामी तीस अप्रैल दिन बुधवार को पुण्य अक्षय तृतीया के दिन कांचीपुरम् (तमिलनाडु) में बालक डुड्डू सत्यवेंकट सूर्य गणेश सुब्रह्मण्यम शर्मा त्रिवेदी को संन्यास दीक्षा देंगे। उन्होंने बताया वह पीठ के अगले उत्तराधिकारी भी होंगे। शंकराचार्य ने वर्ष 2023 में काशी में चातुर्मास व्रत अनुष्ठान की अवधि में यह संकल्प लिया था।
कांचीपुरम् से अयोध्या स्थित कांशी शंकराचार्य मठ के कांची मठ धर्मप्रचारक रामचन्द्रन टी.एन. ने बताया कि दीक्षा समारोह कांचीपुरम् स्थित कामाक्षी देवी मंदिर के पंचागंगा तीर्थ सरोवर में पूर्ण वैदिक अनुष्ठानों के साथ होगा। उन्होंने बताया कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर दिव्य और भव्य मंदिर में विराजमान रामलला का पुण्य प्रसाद और प्रयागराज त्रिवेणी संगम का जल भी इस पुण्य कार्य के लिये समर्पण हुआ है।
उन्होंने बताया कि आंध्रप्रदेश के अन्नवरम् में जन्मे 21 वर्षीय डुड्डू सत्यवेंकट ने वर्ष 2006 में गुरु मुक्कामल कृष्णामूर्ति शास्त्री एवं पंडित रत्नाकर भट्ट वेदाध्ययन आरंभ किया थाा। वह ऋग्वेद के संलक्षण घनपाठी व व्याकरण शास्त्र के विद्वान हैं। उनका पूर्ण वेदाध्ययन कृष्ण यजुर्वेद एवं सामवेद में भी हुआ है।
उन्होंने बताया कि पंडित राजू घनपाठी से उन्होंने यजुर्वेद का अध्ययन किया। भगवान सत्यनारायण कथा की जन्मस्थली माने जाने वाले आंध्र प्रदेश के अन्नवरम में जन्मे डुड्डू के पिता ब्रह्मर्षि डुड्डू श्रीनिवास सूर्य सुब्रह्मण्य धनवंतरी अन्नवरम में सत्यनारायण मंदिर के वैदिक पुरोहित हैं। इनकी माता का नाम अलिवेलु मंगादेवी है। उनके संन्यास दीक्षा समारोह में काशी समेत देश-विदेश के अन्य स्थानों से वैदिक पुरोहित पहुंचेंगे। श्री शर्मा, श्रीज्ञान सरस्वती देवस्थान, बासरा, निजामाबाद, तेलंगाना में सेवा में थे।
सं सोनिया
वार्ता
सं सोनिया
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