Tuesday, Nov 11 2025 | Time 04:22 Hrs(IST)
दुनिया


फिलिस्तीनी मसौदा प्रस्ताव पर संरा महासभा कर रही विचार

संयुक्त राष्ट्र, 18 सितंबर (वार्ता) संयुक्त राष्ट्र (संरा) महासभा ने पूर्वी यरुशलेम और शेष कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की कार्रवाई के मुद्दे पर अपना 10वां आपातकालीन विशेष सत्र फिर से शुरू किया।
इस विशेष सत्र में सदस्य देशों ने फिलिस्तीन राज्य द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया।
फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायली कब्जे को 12 महीने के भीतर समाप्त करने की मांग करने वाले मसौदा प्रस्ताव को पेश करते हुये, संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन राज्य के स्थायी पर्यवेक्षक रियाद मंसूर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने इजरायल के लिए कानूनी परिणामों की स्पष्ट रूप से पहचान करके अपना जनादेश पूरा किया है और महासभा से अपने जनादेश को बनाए रखने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा,“विलंबित न्याय न्याय से वंचित करने के समान है।” उन्होंने 1967 की सीमाओं पर एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन राज्य की स्थापना का आह्वान किया, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलेम हो।
उन्होंने कहा,“फिलिस्तीनी जीना चाहते हैं। वे अपने घरों में सुरक्षित रहना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे बिना किसी डर के स्कूल जाएं। वे वास्तविकता में वैसे ही स्वतंत्र होना चाहते हैं जैसे वे आत्मा में हैं।”
महासभा की ओर से बुधवार को मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किए जाने की उम्मीद है।
संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने कहा कि मसौदे में सच्चाई को नजरअंदाज किया गया है और हमास का जिक्र नहीं किया गया है तथा इसे पेश करने की प्रक्रिया को ‘राजनीतिक बना दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि इजरायल के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में 150 से अधिक प्रस्ताव पारित किये गये हैं।
प्रतिनिधि ने कहा,“शायद आप भूल गये हैं, लेकिन हमने यह युद्ध शुरू नहीं किया है, न ही हमने इसे चुना है।”
अपनी टिप्पणी में, महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने कहा,“यह महासभा और सुरक्षा परिषद का दायित्व है कि वे कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की अवैध उपस्थिति को समाप्त करें।”
लेबनानी राजदूत हादी हचेम ने कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल मसौदा प्रस्ताव और फिलिस्तीन राज्य का समर्थन करने वालों में ‘सबसे ऊपर’ है।
गौरतलब है कि सात अक्टूबर 2023 को फिलीस्तीन में विरोधी संगठन हमास की ओर से इजरायल पर अचानक हमला करने के बाद, आठ अक्टूबर को इजरायल की ओर से जवाबी कार्रवाई में व्यापक रूप से हमला किया गया। तब से ये हमले जारी हैं। इन हमलों में फिलीस्तीन और इजरायल में हजारों नागरिक मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हो चुके हैं।
श्रद्धा.संजय
वार्ता
More News

दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति पर दुश्मन देश की मदद का आरोप

10 Nov 2025 | 9:45 PM

सोल, 10 नवंबर (वार्ता) दक्षिण कोरिया के विश्शेष वकीलों के दल ने पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल पर पिछले साल उत्तर कोरिया में ड्रोन भेजने में दुश्मन देश की मदद करने का आरोप लगाया है। .

see more..

थाईलैंड-कंबोडिया शांति समझौते को थाईलैंड ने निलंबित किया

10 Nov 2025 | 9:37 PM

बैंकॉक, 10 नवंबर (वार्ता) थाईलैंड की रॉयल थाई वायु सेना (आरटीएएफ) ने सोमवार को कहा कि जब तक कंबोडिया की ओर से सभी शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयां समाप्त नहीं हो जातीं, तब तक थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित कर दिया है।.

see more..
रूस परमाणु परीक्षण प्रतिबंधों का तब तक पालन करेगा जब तक अमेरिका प्रतिबंध नहीं तोड़ता

रूस परमाणु परीक्षण प्रतिबंधों का तब तक पालन करेगा जब तक अमेरिका प्रतिबंध नहीं तोड़ता

10 Nov 2025 | 9:20 PM

मास्को, 10 नवंबर (वार्ता) रूस ने हाल ही में ब्यूरवेस्टनिक मिसाइल और पोसाइडन ड्रोन के परीक्षणों पर चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि इनमें परमाणु विस्फोट जैसी कोई बात नहीं थी।.

see more..

ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप मामले में दर्जनों आरोपियों को माफ़ी दी

10 Nov 2025 | 8:54 PM

वाशिंगटन, 10 नवंबर (वार्ता) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के आरोपी दर्जनों लोगों को माफ़ी देने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें ट्रम्प के पूर्व वकील और न्यूयॉर्क शहर के पूर्व मेयर रूडी गिउलिआनी और व्हाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज भी शामिल हैं। अमेरिका के पॉर्डन अटार्नी एड मार्टिन ने यह जानकारी साझा की है।.

see more..

कॉप-30 की अनदेखी कर रहे दुनिया के दो सबसे बड़े प्रदूषणकर्ता देश

10 Nov 2025 | 7:02 PM

बेलेम, 10 नवंबर (वार्ता) ब्राजील के बेलेम शहर में 10 से 21 नवंबर तक आयोजित हो रहे संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-30 (कॉप-30) सम्मेलन में दुनिया भर के अग्रणी नेता शामिल हो रहे हैं, लेकिन विश्व के दो सबसे बड़े प्रदूषणकर्ता देश चीन और अमेरिका ही इसे महत्व नहीं दे रहे हैं।.

see more..