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पाकिस्तान पहलगाम हमले की तटस्थ और पारदर्शी जांच में सहयोग के लिए तैयार:शरीफ

पाकिस्तान पहलगाम हमले की तटस्थ और पारदर्शी जांच में सहयोग के लिए तैयार:शरीफ

इस्लामाबाद, 26 अप्रैल (वार्ता) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की ‘तटस्थ और पारदर्शी’ जांच के लिए तैयार है।

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह बात भारत के उस बयान के संदर्भ में कही, जिसमें भारत ने कहा है कि इस आतंकवादी हमले का पाकिस्तान से स्पष्ट संबंध है।

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार काकुल में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, “पहलगाम में हुई हालिया त्रासदी इस सतत दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए। एक जिम्मेदार देश के रूप में अपनी भूमिका को जारी रखते हुए पाकिस्तान किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार हैं।”

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 22 अप्रैल को इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में अपनी भूमिका से लगातार इनकार किया है, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए थे। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ‘स्काई न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में खुलकर स्वीकार किया है कि इस्लामाबाद ने तीन दशकों से अधिक समय से क्षेत्र में अमेरिका और अन्य के लिए "गंदा काम" को करने के लिए आतंकवादी संस्थाओं का नियमित रूप से उपयोग किया है।

साक्षात्कार के दौरान, मंत्री से पूछा गया, "क्या आप स्वीकार करते हैं, सर, कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों का समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण करने का एक लंबा इतिहास रहा है?" इसके जवाब में पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, "हम पिछले तीन दशकों से अमेरिका के लिए, जिसमें पश्चिम और ब्रिटेन भी शामिल है, यह गंदा काम कर रहे हैं।" हालांकि, उन्होंने इसे जल्द ही एक "गलती" करार दिया और कहा कि पाकिस्तान को "इसके कारण नुकसान उठाना पड़ा।" उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद ने सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान पश्चिम और 9/11 के बाद अमेरिका के नेतृत्व में तालिबान के खिलाफ युद्ध में शामिल नहीं होता, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड "अप्रतिम" होता।

यह बयान अपने आप में पाकिस्तान के इनकार का खंडन है और आतंकवादी संगठनों के साथ उसके करीबी संबंधों और समर्थन की पुष्टि है, जिसका इस्तेमाल उसने दशकों से भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ छद्म युद्ध करने के लिए किया है। सिंधु जल संधि को भारत द्वारा निलंबित किए जाने से पाकिस्तान में काफी दहशत फैल गई है। पाकिस्तान ने कहा है कि सिंधु नदी के पानी को रोकने या मोड़ने का कोई भी कार्य युद्ध की कार्रवाई के समान होगा।पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस कदम के खिलाफ एक आक्रामक रुख अपनाते हुए पूर्ण प्रतिशोध की चेतावनी दी है।

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के लिए पानी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है, यह हमारी जीवन रेखा है।इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि इसकी उपलब्धता हर कीमत पर और हर परिस्थिति में सुरक्षित रखी जाएगी।अतः, सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने, कम करने या मोड़ने के किसी भी प्रयास को पूर्ण बल और शक्ति के साथ जवाब दिया जाएगा।"

उधर, भारत ने हमले का बदला लेने की कसम खाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इस जघन्य हमले के दोषियों और मास्टरमाइंडों को ढूंढकर न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

संतोष,आशा

वार्ता