नयी दिल्ली, 12 मार्च (वार्ता) संसद ने बुधवार को पेट्रोलियम संचालन को मजबूत करने और समग्र ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लक्ष्य वाले तेलक्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक, 2024को मंजूरी प्रदान की।
लोकसभा में दो घंटे तक चर्चा और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब के बाद सदन ने तेलक्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक, 2024 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा में इस विधेयक को पहले ही पारित किया जा चुका है।
श्री पुरी ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा,“ भारत की ऊर्जा सुरक्षा ‘उपलब्धता, किफायती होने और टिकाऊपन पर आधारित है। हम ऊर्जा की आपूर्ति के स्रोत को लेकर किसी तरह का भेदभाव नहीं करते हैं। वैश्विक बाजार में बहुत अधिक तेल की आपूर्ति हो रही है। आपूर्ति की कोई कमी नहीं है।”
श्री पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क कम किया लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में वैट की बढ़ोतरी हो रही है। भाजपा राज्यों में पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी की गई है लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों में लगातार कीमतों को बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पड़ोस के देशों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें भारत के मुकाबले 15 से 20 प्रतिशत तक अधिक हैं। इसी पश्चिमी यूरोप और अमेरिका में भी कीमतें भारत से कहीं अधिक हैं। सिर्फ भारत में कीमतों में कमी आई है।
उन्होंने कहा,“ हमारी रणनीति घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ ही स्वच्छ उर्जा को भी बढ़ाना है। वर्ष 2030 तक 20 प्रतिशत बायोफ्यूल करने का लक्ष्य रखा गया था जिसे छह साल पहले ही हासिल कर लिया गया है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) कानून के तहत कंपनियों को कुल लाभ का दो प्रतिशत खर्च करना होता है। सदस्यों को इस मामले में कंपनी से बात करना चाहिए। सीएसआर खर्च करने का निर्णय कंपनियां लेती है।
आजाद,आशा
वार्ता