पटना, 13 मई (वार्ता) बिहार की राजधानी पटना के मरीन ड्राइव पर मंगलवार को खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2025 की रोड साइक्लिंग स्पर्धा में राजस्थान के साइकिलिस्टों ने तूफानी प्रदर्शन किया।
आज यहां ठंडी हवाओं और दर्शकों की भारी भीड़ के बीच राजस्थान के राइडर्स ने व्यक्तिगत टाइम ट्रायल में अपना दमखम दिखाया और छह में से पांच पदक अपने नाम किए, जिनमें से दो स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य शामिल हैं। लड़कों की 30 किलोमीटर की रोमांचक रेस में तो राजस्थान के बेटों ने क्लीन स्वीप कर दिया।
दोनों ही वर्गों में महाराष्ट्र की जुल गंजम नारकर एकमात्र ऐसी राइडर रहीं, जिन्होंने राजस्थान के दबदबे को चुनौती दी। नारकर ने 20 किलोमीटर की रेस 32 मिनट और 49.291 सेकेंड (औसत रफ्तार 36.6 किलोमीटर प्रति घंटा) में पूरी कर रजत पदक अपने नाम किया। लेकिन, स्वर्ण पदक पर कब्जा राजस्थान की मंजू चौधरी ने किया। बीकानेर में अभ्यास करने वाली बाड़मेर की इस बेटी ने 32 मिनट 15.142 सेकेंड (औसत रफ्तार 37.2 किलोमीटर प्रति घंटा) के साथ पहला स्थान हासिल किया।
दिलचस्प बात यह है कि मंजू का यह पहला खेलो इंडिया यूथ गेम्स है और वह सिर्फ रोड रेसिंग में ही हिस्सा लेती हैं। मंजू की टीम की साथी रुक्मिणी भी पीछे नहीं रहीं और उन्होंने 33 मिनट 40.233 सेकेंड (औसत रफ्तार 35.6 किलोमीटर प्रति घंटा) में रेस पूरी कर कांस्य पदक अपने नाम किया।
स्कूल गेम्स की चैंपियन और दो साल पहले ही साइक्लिंग शुरू करने वाली मंजू ने अपनी जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मैं यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने आई थी और मैं अपने परफॉर्मेंस से बहुत खुश हूं। मुझे रोड रेसिंग बहुत पसंद है और मैं सिर्फ टाइम ट्रायल में ही हिस्सा लेती हूं। यहां रेस करने में मुझे बहुत अच्छा लगा।”
महिलाओं की इस स्पर्धा में महाराष्ट्र की शिवानी कृष्ण पारित चौथे और मेजबान बिहार की अमृता कुमारी पांचवें स्थान पर रहीं। पुरुष वर्ग के 30 किलोमीटर टाइम ट्रायल रेस में राजस्थान के रामवतार चिम्पा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्लीन स्वीप किया। रामवतार ने 40 मिनट 21.245 सेकेंड (औसत रफ्तार 44.6 किलोमीटर प्रति घंटा) के साथ स्वर्ण पदक जीता।
वहीं, उनके साथी महादेव सारन ने 40 मिनट 49.486 सेकेंड (औसत रफ्तार 43.9 किलोमीटर प्रति घंटा) में रेस पूरी कर रजत पदक हासिल किया। कांस्य पदक भी राजस्थान के ही महावीर सारन के नाम रहा, जिन्होंने 41 मिनट 43.480 सेकेंड (औसत रफ्तार 43.1 किलोमीटर प्रति घंटा) में रेस पूरी की।
यह वाकई में राजस्थान के साइकिलिस्टों के लिए एक यादगार दिन रहा, जिन्होंने मरीन ड्राइव पर अपनी स्पीड और स्टेमिना का लोहा मनवाया। मंजू, जिनके पिता एक किसान हैं, और रामवतार, जिनके पिता बीकानेर में मिठाई की दुकान चलाते हैं, ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी पृष्ठभूमि की मोहताज नहीं होती।
सूरज शिवा राम
वार्ता