लखनऊ 21 मई (वार्ता) भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हे भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी।
लखनऊ कालिदास चौराहे पर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की प्रतिमा पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर पत्रकारों से उन्होने कहा कि युवा शक्ति में भरोसा करने वाले राजीव जी ने मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष कर लोकतंत्र सशक्त बनाने का काम किया। उन्होंने इस सच्चाई को हमेशा दोहराया कि युवाओं को समानता, न्याय, बंधुत्व और स्वतंत्रता के सिद्धांत पर एक सामाजिक व्यवस्था बनाने के लिए सशक्त, शिक्षित और कौशल से युक्त होना चाहिए। वह भाईचारे, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक तालमेल की जरूरत को लेकर भी गंभीर थे। यह गंभीरता उनकी सरकार की शिक्षा नीति में दिखाई देती थी।
श्री राय ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों को सशक्त बनाने का दृढ़ संकल्प लेकर राजीव गांधी ने 1991 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने का वादा किया। जिसे बाद में कांग्रेस की सरकार बनने पर 1992 में संविधान के 73वें संशोधन से पारित किया गया। जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पंचायतों, त्रि-स्तरीय पंचायतों और नगर पालिकाओं को पर्याप्त शक्तियां, वित्तीय संसाधन और महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने का फैसला लिया गया।
उन्होने कहा कि राजीव जी की दूरदर्शिता और नेतृत्व के अतुलनीय योगदान को कभी नहीं भुला सकता। उन्होंने सुशासित, शक्तिशाली और जीवंत राष्ट्र के रूप में भारत को आगे बढ़ाया। राजीव जी दूरगामी सोच रखने वाले ऐसे राजनेता थे, जिनके विचार और अवधारणाएं आज भी वैश्विक महत्व रखती हैं।
तत्पश्चात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर पूर्वान्ह 11 बजे पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि के मौके पर राज्यसभा में उपनेता प्रतिपक्ष प्रमोद तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ कांग्रेस नेता बृजेन्द्र सिंह जी ने किया। श्री तिवारी ने कहा “ यह बड़े सौभाग्य की बात है कि मैंने राजीव जी के बहुत करीब रहकर काम किया। किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देने वाले व्यक्तित्व, साहस, आत्मविश्वास, अंदाज, बुद्धि, धैर्य, गरिमा, शालीनता से संपन्न और सबको साथ लेकर चलने वाले राजीव जी सहगति और समाधान, भागीदारी और सूझबूझ के जरिये सार्वजनिक जीवन में राजनीति, अर्थव्यवस्था और नैतिकता के क्षेत्र में बदलाव के प्रतीक बने। शांति में उनका अटूट विश्वास था और उन्होंने पंजाब, असम, मिजोरम, नगालैंड और कश्मीर में शांति एवं लोकतंत्र बहाली के लिए आंदोलन और विद्रोह खत्म कराने के लिए कड़ी मेहनत की। एक भारत-श्रेष्ठ भारत उनकी ही परिकल्पना थी।”
श्री तिवारी ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने 84 से 89 तक अपने छोटे से कार्यकाल में पांच सफल कदम उठाये थे जिनमें टेलिकाम रिवोल्यूशन, कम्प्यूटर क्रांति, मतदान की उम्र 18 वर्ष , पंचायती राज की नींव और शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में नवोदय विद्यालयों की स्थापना की जिसकी वजह से ये देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ा।
संगोष्ठी में उप्र कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता श्रीमती आराधना मिश्रा ‘‘मोना’’, पूर्व मंत्री राजबहादुर, पूर्व विधायक सतीश अजमानी, श्याम किशोर शुक्ला, डॉ सतीश राय,सुभाष श्रीवास्तव ने पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
प्रदीप
वार्ता