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हरियाणा से छठी बार संसद पहुंचने वाले पहले नेता हैं राव इंद्रजीत

हरियाणा से  छठी बार संसद पहुंचने वाले पहले नेता हैं राव इंद्रजीत

नयी दिल्ली 09 जून (वार्ता) हरियाणा की गुरूग्राम लोकसभा सीट से वर्ष 2009 से लगातार जीत रहे राव इंद्रजीत छठी बार लोकसभा पहुंचने वाले हरियाणा के पहले नेता बन गये हैं।

श्री इंद्रजीत सिंह वर्ष 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति के महान सपूत राव तुलाराम के वंशज हैं और उन्होंने देश की राजनीति में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। गुड़गांव लोकसभा सीट पर सबसे अधिक 60.34 फीसदी वोट हासिल करने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है। इस लिहाज से आजादी के बाद हुए अब तक के चुनाव में राव इंद्रजीत ने सबसे ज्यादा वोट लेने का रिकॉर्ड साल 2019 के चुनाव में ही बनाया था। गुड़गांव लोकसभा से जीत की हैट्रिक लगाने वाले भी वह पहले राजनेता है। वह छठी बार लोकसभा पहुंचने वाले हरियाणा के पहले नेता हैं।

राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी सियासी पारी का आगाज वर्ष 1977 में कांग्रेस नेता के रूप में जाटूसाना विधानसभा (अब कोसली) से किया था। इस इस सीट से चार बार जीते।

उनका लोकसभा का सफर 1998 में महेन्द्रगढ सीट से शुरू हुआ और उन्हें पहले चुनाव में ही जीत मिली। हालांकि अगले ही चुनाव यानी साल 1999 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन अगले चुनाव यानी साल 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने प्रतिद्वंदियों से अपनी हार का बदला चुकता कर लिया। वर्ष 2004 में वह फिर महेंद्रगढ़ से चौदहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित हुए। मई 2004 में उन्हें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वर्ष 2006 तक वह इस जिम्मेदारी को निभाते रहे। फरवरी 2006 से 2009 तक राव केंद्रीय रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री रहे।

वर्ष 2008 में हुए परिसीमन में गुड़गांव को फिर से लोकसभा क्षेत्र बनाया गया। परिसीमन के बाद 2009 में पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव हुआ और क्षेत्र बदलने के बाद भी राव ने जीत हासिल की। यह संसद सदस्य के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल था। उन्हें 31 अगस्‍त 2009 को संसद की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाया गया। मई 2014 में उन्होंने गुड़गांव से सोलहवीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 2014 में वह केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) योजना सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं योजना बनाए गए।

मई 2019 में उन्होंने गुड़गांव से जीत की हैट्रिक लगाते हुए सत्रहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित सदस्य के रूप में संसद में प्रवेश किया। बतौर सांसद उनका पांचवा कार्यकाल रहा। जून 2019 से लेकर संसद भंग होने तक वह केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन बने रह। वर्ष 2024 में उनकी लोकसभा चुनाव में छठी जीत है।

संजीव

वार्ता

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