नयी दिल्ली , 13 मार्च (वार्ता) भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने कहा कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार के लिए 2030 तक 40-46 लाख करोड़ रुपये निवेश की आवश्यकता होगी और इसके लिए अनुकूल नीतियों की जरूरत होगी।
उन्होंने इसके लिए वैश्विक निवेश कोषों को आकर्षित करने और घरेलू हरित वित्तपोषण बाजार के विस्तार के लिए नीतिगत पहल की जरूरत पर बल दिया है। श्री दास गुरवार को जलवायु परिवर्तन जोखिम और वित्त पर आरबीआई नीति संगोष्ठी में बोल रहे थे। संगोष्ठी में विनियमित संस्थाओं (आरई) के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए वित्तीय क्षेत्र की हस्तियों को आमंत्रित किया गया था।
श्री दास ने मूल्यांकन जोखिम के प्रबंधन में इरेडा जैसी विशेष हरित वित्तपोषण एजेंसी के महत्व को भी रेखांकित किया । उन्होंने बताया कि अपनी स्थापना के बाद से इरेडा ने संचयी रूप से 1.43 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिए हैं और उनमें से अब तक उसे 200 करोड़ रुपये से भी कम के कर्ज को राइट-ऑफ करना (बट्टे खाते में डालना)पड़ा हैं।
उन्होंने परियोजनाओं का विकास करने वाली कंपनियों , ऋणदाताओं, नियामकों और नीति निर्माताओं के सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर जोर दिया ताकि नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु वित्तपोषण को और तेज करने के लिए एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने देश भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में शामिल सभी हितधारकों के लिए उधार प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सरल बनाने के लिए एक एकीकृत, सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
मनोहर सैनी
वार्ता