नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (वार्ता) भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक व्यापार युद्ध के माहौल में मार्च 2025 में भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का निर्यात एक साल पहले इसी माह की तुलना में 0.67 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 41.97 अरब डॉलर रहा। व्यापार घाटा (वाणिज्यक निर्यात-आयात का अंतर) बढ़कर 21.54 अरब डालर रहा जबकि एक साल पहले यह 15.31 अरब डॉलर था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में आयात में 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 63.51 अरब डालर रहा।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का कुल निर्यात 437.42 अरब डॉलर के साथ एक साल पहले के स्तर पर ही बना रहा। वर्ष 2023-24 में वाणिज्यि निर्यात 437.07 अरब डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के ताजा आंकड़ों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 वैश्विक व्यापार के लिए कठिन समय रहा। इस दौरान कई भू-राजनीतिक तनाव, समुद्री व्यापारिक मार्ग में बाधाएं और और कई देशों में मंदी का असर देखा गया। श्री बर्थवाल ने कहा, “बावजूद इसके भारत ने निर्यात क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।”
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में समाप्त हुए वित्त वर्ष 2024-25 में देश का कुल निर्यात (माल और सेवाओं को मिला कर) लगभग 5.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 820 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले कुल 778 अरब डॉलर था।
अमेरिका की ओर से भारत सहित तमाम देशों के माल पर जवाबी आयात शुल्क लगाने के निर्णयों से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ गयी है। अमेरिका ने भारत के खिलाफ स्टील, एल्युमीनियम और ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया है। पर उसने चीन को छोड़कर अपने सभी व्यापार भागीदारों पर 90 दिन तक 10 प्रतिशत आयात का अतिरिक्त शुल्क ही लगाया है।
मनोहर, उप्रेती
वार्ता