मुंबई 10 जून (वार्ता) चालू वित्त वर्ष में मई 2025 में सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश 26688 करोड़ रुपये रहा है जबकि अप्रैल 2025 में यह 26632 करोड़ रुपये रहा था।
एसोसियेशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मुख्य कार्यकारी वेंकट एन चालसानी ने मंगलवार को मई महीने के म्युचुअल फंड उद्योग में निवेश के आंकड़े जारी करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मई 2025 में पंजीकृत नए एसआईपी की संख्या 59,14,788 रही और मई 2025 के लिए एसआईपी एयूएम 14,61,360.31 करोड़ रुपये रहा है। मई 2025 में योगदान देने वाले एसआईपी खातों की संख्या 8.56 करोड़ रही। मई 2025 के महीने में कंपनियों ने कुल 19 योजनाएँ शुरू की और सभी ओपन-एंडेड तथा सभी श्रेणियों में कुल 4,170 करोड़ रुपये जुटाए गए।
उन्होंने कहा कि मई 2025 के लिए म्युचुअल फंड उद्योग का शुद्ध संपदा प्रबंधन (एयूएम)72,19,610.69 करोड़ रुपये रहा है जबकि अप्रैल 2025 में यह 69,99,837.94 करोड़ रुपये रहा था। मई 2025 के लिए एएयूएम 72,18,274.12 करोड़ रुपये रहा है। इस महीने तक म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो 23,83,12,770 है।
उन्होंने कहा कि मई 2025 के लिए रिटेल म्युचुअल फंड फोलियो (इक्विटी, हाइब्रिड, सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम) 18,84,31,250 पर हैं जबकि अप्रैल 2025 में यह 18,71,05,719 था। रिटेल एयूएम (इक्विटी, हाइब्रिड, सॉल्यूशन ओरिएंटेड) मई 2025 के लिए एयूएम 42,19,541 करोड़ था, जबकि अप्रैल 2025 के लिए एयूएम 40,29,311 करोड़ था। मार्च 2021 से अब तक सकारात्मक इक्विटी प्रवाह का 51वाँ महीना।
श्री चालसानी ने कहा कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग ने एयूएम में 70 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया है, जो कि लचीले खुदरा भागीदारी और लगातार एसआईपी प्रवाह के कारण नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। एसआईपी की वृद्धि विशेष रूप से उत्साहजनक है, जो अनुशासित, दीर्घकालिक निवेश की ओर बदलाव का संकेत देती है। मासिक एसआईपी योगदान रिकॉर्ड 26,688 करोड़ रहा, जिसमें योगदान देने वाले खातों की संख्या बढ़कर 8.56 करोड़ के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई।
उन्होंने कहा कि इस महीने इक्विटी प्रवाह 19,013 करोड़ रुपये पर आ गया, जो बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच सतर्क निवेशक भावना को दर्शाता है। ऐसे चरणों में अक्सर हाइब्रिड और आर्बिट्रेज योजनाओं की ओर एक स्वाभाविक पुनर्वितरण देखा जाता है, जो अनिश्चित समय के दौरान अधिक संतुलित दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह प्रवृत्ति भारतीय निवेशकों के बीच परिपक्व निवेश व्यवहार को उजागर करती है।
शेखर
वार्ता