Saturday, Jul 19 2025 | Time 01:18 Hrs(IST)
राज्य » जम्मू-कश्मीर


सिन्हा , उमर ने कर्बला के शहीदों को श्रद्धांजलि दी

श्रीनगर 05 जुलाई (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुहर्रम के 10वें दिन आशूरा की पूर्व संध्या पर हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
उपराज्यपाल ने अपने संदेश में कहा: ''कर्बला में हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों के बलिदान , न्याय और मानवीय गरिमा के सार्वभौमिक आदर्शों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता मानवता को एकता, सामाजिक सद्भाव और धार्मिकता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करती है।''
उन्होंने कहा, ''इस पवित्र अवसर पर आइए हम हजरत इमाम हुसैन के शाश्वत आदर्शों को आत्मसात करें और एक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए खुद को फिर से समर्पित करें।''
मुख्यमंत्री ने आशूरा के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि कर्बला की त्रासदी केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक नैतिक सबक है।
उन्होंने कहा कि पैगंबर मुहम्मद के पोते इमाम हुसैन ने सत्य, गरिमा और न्याय के सर्वोच्च सिद्धांतों को कायम रखा और अन्याय के आगे झुकने के बजाय शहादत को चुना।
श्री उमर ने कहा, ''कर्बला में इमाम हुसैन का रुख पीढ़ियों को झूठ के खिलाफ मजबूती से खड़े होने और क्रूर दमन के बावजूद मानवीय गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। उनकी विरासत सभी की है, संप्रदायों, क्षेत्रों और युगों से परे।''
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन द्वारा सन्निहित बलिदान, धैर्य और सच्चाई के मूल्य आज विशेष रूप से प्रासंगिक हैं, जब समाज नैतिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
उन्होंने लोगों से कर्बला के संदेश पर चिंतन करने और न्याय, समानता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों की शांति, सद्भाव और खुशहाली के लिए प्रार्थना भी की।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कर्बला की लड़ाई में उनके अंतिम बलिदान को साहस, विश्वास और अत्याचार के खिलाफ प्रतिरोध का एक शाश्वत प्रतीक बताया।
श्री फारूक ने एक बयान में कहा कि हजरत इमाम आली मुकाम और उनके साथियों का अद्वितीय बलिदान पूरी मानवता के लिए एक मार्गदर्शक है।
जांगिड़
वार्ता