हैदराबाद 16 अप्रैल (वार्ता) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कांचा गाचीबोवली में वन क्षेत्र को बहाल करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश और तेलंगाना सरकार को अपने मुख्य वन्यजीव वार्डन के माध्यम से क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश का स्वागत किया है।
पर्यावरण अधिवक्ताओं के लिए शीर्ष न्यायालय के फैसले को बड़ी जीत बताते हुए श्री रामाराव ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, “बीआरएस माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशों का तहे दिल से स्वागत करती है। उम्मीद है कि कम से कम अब मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तेलंगाना की कांग्रेस सरकार को सद्बुद्धि आयेगी कि वे पर्यावरण विनाश से बच नहीं सकते।” उन्होंने शीर्ष न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया और राज्य सरकार से ‘खुद को मूर्ख बनाने’ से बचने का आग्रह किया।
उन्होंने वनों की रक्षा के लिए काम करने वाले सभी लोगों, खास तौर पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को हैदराबाद शहर में करीब 400 एकड़ वन भूमि की सुरक्षा के लिए उनके अथक प्रयासों के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया। उन्होंने शीर्ष न्यायालय की केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की सिफारिश का भी स्वागत किया, जिसने रेवंत सरकार द्वारा कांचा गाचीबोवली की जमीन को कथित तौर पर एक निजी संस्था को गिरवी रखने में संभावित वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया।
बीआरएस नेता ने कहा, “यह बीआरएस के इस रुख को पुष्टि करता है कि बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी हुई है। यह भी पुष्टि करता है कि मुख्यमंत्री तेलंगाना के लोगों पर 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला करने के लिए जिम्मेदार हैं तथा वह राज्य के वनों और वन्यजीवों के खिलाफ नंबर एक खलनायक बन गये हैं।”
अशोक, यामिनी
वार्ता