चेन्नई, 13 मार्च (वार्ता) तमिलनाडु विधानसभा का शुक्रवार से शुरू होने वाला बजट सत्र हंगामेदार रहने की उम्मीद है, क्योंकि मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक राज्य से संबंधित कई मुद्दे उठाने की तैयारी में है।
सत्र की शुरुआत राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश करने के साथ होगी, जिसमें उनसे कुछ नए उपायों और सत्तारूढ़ द्रमुक के द्रविड़ शासन मॉडल के नीति दिशा-निर्देशों का अनावरण करने की उम्मीद है।
कृषि मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम शनिवार को कृषि बजट पेश करेंगे, जिसका उद्देश्य कृषक समुदाय को उचित महत्व देना और उनके जीवन स्तर और आजीविका में सुधार करना है।
सत्र की अवधि का निर्णय वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने के बाद स्पीकर एम. अप्पावु के कक्ष में होने वाली कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में लिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, सत्र एक महीने से अधिक समय तक चलने की संभावना है, जिसके दौरान 50 से अधिक विभागों के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा की जाएगी और उसके बाद संबंधित मंत्री जवाब देंगे।
सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है, क्योंकि विपक्षी दल केंद्र और सत्तारूढ़ द्रमुक के बीच राष्ट्रीय शिक्षा निति (एनईपी) के कार्यान्वयन को लेकर चल रही खींचतान, प्रस्तावित परिसीमन अभ्यास, महिलाओं के खिलाफ अपराध की कथित आवर्ती घटनाएं, मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति और दलितों पर हमला जैसे मुद्दे उठाने के लिए तैयार हैं।
इनके अलावा, राज्य से संबंधित अन्य मुद्दे भी विपक्ष द्वारा उठाए जाने की संभावना है, जो विशेष रूप से एनईपी और त्रिभाषा फार्मूले पर द्रमुक सरकार के साथ एकमत थे।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने त्रिभाषा नीति को लागू करने के लिए एनईपी को स्वीकार करने पर जोर दिया, लेकिन द्रमुक सरकार और विपक्षी दल (भाजपा को छोड़कर) इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं और सत्तारूढ़ द्रमुक के इस रुख के अनुरूप एक स्वर में बोल रहे हैं कि राज्य में मौजूदा और लंबे समय से चली आ रही दो-भाषा फार्मूला जारी रहना चाहिए।
समीक्षा.अभय
वार्ता