जयपुर, 20 मई (वार्ता) रोजी रोटी अधिकार अभियान का आठवां राष्ट्रीय सम्मेलन 24 से 26 मई तक राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित किया जायेगा।
सम्मेलन संयोजक कविता श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां प्रेसवार्ता में यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देशभर के 16 राज्यों से 500 से अधिक कार्यकर्ता एवं शोधकर्ता शामिल होंगे। सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा, भूख और पोषण की स्थिति, उभरते मुद्दों और अगले दो वर्षों के लिए आंदोलन की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि डा अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के प्रांगण में होने वाले सम्मेलन में वर्तमान में भोजन के अधिकार को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति, उच्च बेरोजगारी और अनिश्चित आजीविका, इन मुद्दों पर सामूहिक कार्यवाही के कम होते अवसर एवं आर्थिक और राजनीतिक रूप से लोकतंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन में ओडिशा के एंटी माइनिंग आंदोलन के नेता लिंगराज आजाद, संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के प्रतिनिधि हरिंदर बिंदु, महाराष्ट्र के जनआन्दोलन के नेतृत्व उल्का महाजन, एनसीपीआरआई की कन्वीनर अंजलि भारद्वाज सहित अनेक जन आंदोलनों के प्रतिनिधि और आईआईटी दिल्ली से प्रो. रीतिका खेरा, स्कॉलर नवशरण सिंह, ज्यॉ द्रेज़ जैसे शोधकर्ता और बुद्धिजीवी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय एवं सैयदा हमीद, निखिल डे, हर्ष मंदर, शोधकर्ता दीपा सिन्हा, साहू पटोले (खाद्य संस्कृति लेखक) सहित विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे। रोजी रोटी अधिकार अभियान का पिछला राष्ट्रीय सम्मेलन वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुआ था और छह वर्ष बाद यह आठवां सम्मेलन जयपुर में हो रहा है।
रोजी रोटी अधिकार अभियान की संयोजक आयशा खान ने बताया कि सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाली समानांतर कार्यशालाओं में विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी और उन पर प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। साथ ही भविष्य की गतिविधियों की योजना भी बनाई जाएगी। भोजन के अधिकार से संबंधित कल्याणकारी योजनाएं, नए श्रम संहिताओं का प्रभाव, मनरेगा के कमजोर होने का संकट आदि पर भी चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में असुरक्षित और हाशिए के समूहों जैसे दलितों, आदिवासियों, प्रवासियों, बेघरों, मुसलमानों और उनके भोजन के अधिकार तक पहुंच पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष सत्र होंगे। सह संयोजक नेसार अहमद ने बताया कि 24 मई को उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय करेंगी। सामाजिक कार्यकर्ता सुमित्रा चौपड़ा ने बताया कि सम्मेलन में वंचितों को लाभ दिए जाने की प्रक्रिया में तकनीकी के उत्यधिक उपयोग के कारण आ रही दिक्कतों, प्रोजेक्ट वर्कर्स की समस्याओं आदि पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी।
जोरा
वार्ता